राज्यपाल अनुसुईया उइके आज बिलासपुर जिले के कोटा में छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज द्वारा आयोजित आदिवासी लोक कला महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उइके ने कहा कि आदिवासी समुदाय ने प्रकृति के साथ रहते हुए आदिकाल से लगातार अपने परिवेश की देखभाल कर उसके संरक्षण और संवर्धन का काम किया है। आदिवासी समाज के धर्मगुरूओं द्वारा विश्व की रक्षा के लिए पर्यावरण के संतुलन के सिद्धांतों को भी जीवन में अपनाने का संदेश दिया गया है। हमारे आदिवासी समाज द्वारा गुरूओं के इन संदेशों का प्रचार आधुनिक समाज को नयी दिशा दे सकता है। अपने अधिकारों के प्रति सजग रहकर और समाज एकजुट रहकर ही तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकता है। समाज के लोग सजग रहकर ही शासन, प्रशासन तक अपनी बात प्रभावी तरीके से पहुंचा सकते है और शासकीय योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। आज की जनजातीय युवा पीढ़ी को भी समुदाय के पारंपरिक ज्ञान एवं रीति-रिवाजों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
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