रायपुर : अमृत काल में हमारा देश और हमारा राज्य विकास की नई ऊंचाईयां छुएगा : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय…
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का समापन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के समापन के अवसर पर कहा कि यह अमृत काल है इस अमृत काल में हमारा देश और हमारा राज्य विकास की नई ऊंचाईयां छुएगा।
हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा छत्तीसगढ़ के नागरिकों को दी गई गारंटी को प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है। आगामी 5 वर्षों में उनकी हर गारंटी को पूरा करने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर बजट सत्र के सफल संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, मंत्रियों, सहित पक्ष-विपक्ष के सभी विधायकों के प्रति आभार प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद आपने दायित्वों का निर्वहन किया। उनके मार्गदर्शन में इस सत्र का संचालन सफलतापूर्वक हुआ।
उन्होंने सदन के संचालन में नेता प्रतिपक्ष द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने अपने अनुभवों से सत्र को नया आयाम दिया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मंत्रिमंडल के सभी साथी अपने-अपने विभागों के माध्यम से आम नागरिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लेकर आए।
सत्र के संचालन में विधानसभा के अधिकारी-कर्मचारियों सहित सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने कर्मठता के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह किया।
सुरक्षाकर्मियों ने अपना दायित्व बखूबी निभाया। उन्होंने विधानसभा में सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को तत्परतापूर्वक नागरिकों तक पहुंचाने के लिए मीडिया के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में सुशासन स्थापित करने का संकल्प लिया है, इस दिशा में हमने काम भी शुरू कर दिया है।
इस सत्र की विशेष बात यह रही कि कई बार ऐसा लगा कि सत्ता पक्ष पर ही विपक्ष की भूमिका निभाने का दायित्व आ पड़ा था। सदन में पहली बार चुनकर आए विधायकों का प्रदर्शन भी बहुत शानदार रहा, मैं उन सभी को बधाई देता हूं।
हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति पर चलते हुए राज्य का विकास करेगी। हमारी सरकार सुनिश्चित करेगी कि छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचे और हम अंत्योदय के लक्ष्य को हासिल करें।
आदिवासी वनवासियों, किसानों, युवाओं और महिलाओं तक उनके अधिकारों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।