छत्तीसगढ़

रायपुर : प्रदेश में कम साक्षरता दर वाले पिछड़े जिलों को शत प्रतिशत साक्षर बनाएं: संचालक राज्य साक्षरता मिशन कटारा…

प्रौढ़ शिक्षा ’अब सबके लिए शिक्षा’ के नाम से जाना जाएगा

राज्य साक्षरता मिशन की राज्य स्तरीय ऑनलाइन बैठक

राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा की नीति आयोग द्वारा निर्धारित आकांक्षी जिलों और प्रदेश में कम साक्षरता दर वाले पिछड़े जिलों को हमें शत प्रतिशत साक्षर बनाने की दिशा में कार्य करना है।

इसके लिए भारत सरकार के उल्लास एप में सर्वे का कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे स्कूलों व कॉलेज के विद्यार्थी गांव में रहने वाले पढ़े-लिखे सदस्य रिटायर्ड पर्सन जो अपने आसपास के असाक्षरों को साक्षर करना चाहते हैं, उन्हें इस कार्य के लिए अभी प्रेरित किया जाए। इस संबंध में तत्काल उल्लास केन्द्रों में शिक्षार्थियों के अध्ययन का कार्य प्रारंभ करें।

कटारा ने कहा कि पूर्व में जिन्हें सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं हुआ है, उन्हें 17 मार्च को आयोजित राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान में शामिल करना है। वे आज राज्य स्तरीय ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रदेश के 33 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी डाइट के प्रिंसिपल व जिला साक्षरता मिशन के जिला परियोजना अधिकारी शामिल थे।

संचालक कटारा ने कहा कि जिला साक्षरता मिशन का पुनर्गठन करते हुए कलेक्टर की अध्यक्षता में शीघ्र ही बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल एक इकाई के रूप में कार्य करेगी, जहां सामाजिक चेतना केंद्र अथवा उल्लास केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे। इन उल्लास केन्द्रो को आकर्षक रूप से सजाया जाएगा, ताकि शिक्षार्थी वहां नियमित रूप से आकर अपनी शिक्षा ग्रहण कर सकें। कटारा ने कहा कि इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक स्तर पर सकारात्मक सोच के साथ मिशन में मोड में काम करने वाले व्यक्तियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। पांच से दस असाक्षरो को पढ़ने के लिए स्वयं सेवी शिक्षक का चिन्हांकन कर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण के लिए एनसीईआरटी नई दिल्ली से प्रशिक्षक भी रायपुर आमंत्रित किए जाएंगे। 

संचालक कटारा ने कहा कि प्रौढ़ शिक्षा ’अब सबके लिए शिक्षा’ के नाम से जाना जाएगा। साक्षर करने के लिए विशेष रणनीति अपनायी जाएगी, जिसमें आसपास की वस्तुओं के उदाहरण को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे व्यक्ति अक्षर ज्ञान एवं शब्द ज्ञान प्राप्त कर सके। प्रदेश में उल्लास कार्यक्रम के लिए वातावरण का निर्माण भी करेंगे।

इसके लिए वर्ष में दो बार सितंबर और मार्च माह में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

प्रत्येक डाइट एकेडमिक रूप से कार्य और मॉनिटरिंग करेंगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्वीकृत नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए एक कार्य योजना राज्य शासन को प्रस्तुत की जा रही है। ऑनलाइन कक्षा की बजाय ऑफलाइन कक्षाओं पर जोर दिया जाएगा। 

राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक एवं नोडल अधिकारी ने उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्य के संबंध में बताया की नई दिल्ली में आयोजित उल्लास मेले में बहुत कुछ सीखने को मिला है।

राज्यों के नवाचारी कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ में लागू किए जाने के लिए साक्षरता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले राज्य व जिलों का भ्रमण भी कराया जाएगा। इस अवसर पर सहायक संचालक दिनेश कुमार टाक एवं एससीईआरटी के राज्य साक्षरता केंद्र के प्रकोष्ठ प्रभारी डेकेश्वर प्रसाद वर्मा भी उपस्थित थे।

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