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धनतेरस पर देश भर के व्यापारियों को इस साल हुआ अच्छा मुनाफा, इतने रुपए का हुआ कारोबार

 

इस वर्ष त्योहारी सीजन में शनिवार और रविवार दोनों दिन धनतेरस का त्योहार मनाया गया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि शनिवार और रविवार दो दिन देश भर के बाजारों में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ और सामान खरीदने की उत्सुकता का आंकलन इस बात की पुष्टि करता है कि दो वर्ष कोरोना के कारण बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापस बाजार में पूरे जोर शोर से आ गए हैं. कैट का अनुमान है कि इस वर्ष फेस्टिव सीजन की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा, जिससे व्यापारियों की अच्छी कमाई होगी. और विशेष रूप से देश भर के बाजारों में भारतीय सामान को ही खरीदने की प्रमुखता दी जा रही है. चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान की 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो सकता है.

कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स और गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पंकज अरोरा ने कहा कि 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में सोने का आयात लगभग 11.72% की कमी आई है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो अबकी 308.78 टन रह गया, जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देश भर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने, जिन्हे रिसायकल गोल्ड भी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देश भर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपए के सोने चांदी और डायमंड जिसमे गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है. जिससे व्यापारियों का अच्छा मुनाफा हुआ है.

अरोरा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है. सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है.

किस सेक्टर में कितना हुआ कारोबार

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार ज्वैलरी के अलावा शनिवार और रविवार दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर और कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम और पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण और किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट और फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर और ऑफिस की साज सज्जा, बिजली और बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी और प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.

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