ChhattisgahFeatured

मुख्यमंत्री ने भूमकाल दिवस पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को किया नमन

     

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमकाल स्मृति दिवस पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को नमन किया है।  बघेल ने कहा है कि आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का आगाज करने वाले नायक गुुंडाधुर का बलिदान हमेशा इतिहास में अमर रहेगा।  बघेल ने कहा है कि माना जाता है 10 फरवरी को 1910 में बस्तर के आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका था। इस विरोध को बुलंद करने में आदिवासी जननायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इन्हीं जननायकों में से अमर शहीद गुुंडाधुर के नेतृत्व में भूमकाल विद्रोह में आदिवासियों ने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर संघर्ष किया। उनकी याद में छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से प्राचीन दंडकारण्य क्षेत्र के स्थानीय लोग हर साल भूमकाल दिवस मनाते है।  बघेल ने कहा कि आदिवासी चेतना के प्रतीक के रूप में शहीद गुंडाधुर जनमानस में हमेशा जीवित रहेंगेे। उनकी स्मृति में मनाया जाने वाला भूमकाल दिवस सदा हमें मुख्यमंत्री ने भूमकाल दिवस पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को किया नमन के विरूद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा।                                         

 बघेल ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हितों और अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने लोहंडीगुड़ा के आदिवासी किसानों की जमीन वापसी, बड़े पैमाने पर वन अधिकार पट्टे और वनोपजों से आय का वाजिब दाम वनवासियों को दिलाने के लिए त्वरित निर्णय लिये हैं। बड़े पैमाने पर वन प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना और गौठानों में मल्टीएक्टीविटी सेंटर की स्थापना से स्थानीय निवासियों के जीवन में बदलाव आया है। राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों और सकारात्मक पहल से आदिवासी भाईयों को आय का नया जरिया मिलने से उनका जीवन-स्तर ऊंचा उठ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर शहीद गुंडाधुर ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी जनमानस में जो अलख जगाई है, वह हमेशा जलती रहेगी। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button