इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने दावा किया कि 4 मई को दोनों युवतियों को नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इसको लेकर कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री चुप क्यों है?
कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते करते हुए कहा कि ‘मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है.’ हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मणिपुर की वारदात बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें. इस वारदात की वीडियो में दिख रहे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है. जब मणिपुर में इंडिया के विचार पर हमला किया जा रहा है तो इंडिया चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘मणिपुर से दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का भयानक वीडियो निंदनीय और अमानवीय है. सीएम एन बीरेन सिंह से बात की है जिन्होंने मुझे बताया कि मामले की जांच जारी है और आश्वासन दिया कि अपराधियों को कटघरे में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.’