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बृजभूषण शरण सिंह ने WFI चीफ संजय सिंह से रिश्ते पर दिया जवाब

नई दिल्ली // भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को यहां कहा कि उनका अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि उनके पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं. बृजभूषण ने भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद यह टिप्पणी की. इससे पहले खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था.

बृजभूषण ने पीटीआई से कहा, “भारत में कुश्ती के संबंध में जो कुछ भी करना है वह निर्वाचित संस्था करेगी. मेरा अब इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है. मेरी अन्य जिम्मेदारियां भी हैं, जिन पर मुझे ध्यान देना है. भविष्य में कुश्ती संघ का चुनाव कभी नहीं लडूंगा. मैं अब इस खेल की राजनीति से दूर रहूंगा.”

एक मीडियाकर्मी के इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष संजय सिंह उनके करीबी थे, बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “संजय सिंह भूमिहार हैं. मैं राजपूत हूं, क्षत्रिय हूं. रिश्ता हो सकता है, दोस्ती हो सकती है. वह 15 साल से कुश्ती से जुड़े हुए हैं. क्या कुश्ती जगत में कोई ऐसा है जो मुझसे परिचित न हो?”

डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. बृजभूषण उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा के मौजूदा सांसद हैं. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था. इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी.

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