म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप, सैकड़ों की मौत की आशंका, बैंकॉक और मांडले में आपातकाल

म्यांमार
म्यामांर में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।भूकंप की तीव्रता 7.7 थी। भूकंप के झटकों से सैकड़ों मील दूर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन मकान गिर गया। इसमें अभी भी 43 मजदूर फंसे हुए हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक़ म्यांमार में भूकंप के पहले झटके के 12 मिनट के बाद ही दूसरा झटका आया। दूसरे भूकंप की तीव्रता 6.4 थी। इस भूकंप का केंद्र सागाइंग से 18 किलोमीटर दक्षिण में था। म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मांडले में बचाव दल के एक कर्मचारी ने बीबीसी को बताया कि भूकंप से भारी तबाही हुई है और सैकड़ों लोगों के मरने की आशंका है।
अधिकारियों ने बताया कि बैंकॉक में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत भूकंप के झटकों से भरभराकर ढह गई। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत धूल के गुबार के बीच ढहती नजर आ रही है और वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं। इमारत के मलबे में 40 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। पुलिस ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि वे बैंकॉक के ‘चटुचक मार्केट’ के पास स्थित घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य कर रहे हैं।
शुरुआती खबरों के अनुसार, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर को यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया, जिसका केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार में था। म्यांमार में भूकंप के प्रभाव की तत्काल कोई खबर नहीं है। ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र की आबादी 1.70 करोड़ से अधिक है जिनमें से कई लोग ऊंची इमारतों वाले अपार्टमेंट में रहते हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे भूकंप आने पर इमारतों में अलार्म बजने लगे और घनी आबादी वाले मध्य बैंकॉक की ऊंची इमारतों एवं होटल से लोगों को बाहर निकाला गया। भूकंप इतना शक्तिशाली था, कि कुछ ऊंची इमारतों के अंदरूनी हिस्सों में ‘स्वीमिंग पूल’ में पानी में लहरें उठती दिखीं।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के डायरेक्टर डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने शुक्रवार को म्यांमार में आए छह भूकंपों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये भूकंप सबसे लंबी फॉल्ट लाइन, सागांग फॉल्ट पर आए थे। सागांग फॉल्ट लगभग 1200 किलोमीटर तक फैली हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि रिक्टर स्केल पर 7 से ऊपर की तीव्रता का यह पहला भूकंप नहीं था।
मीडिया से बात करते हुए मिश्रा ने कहा, “यह म्यांमार के सबसे लंबे फॉल्ट, सागांग फॉल्ट में हुआ। इसकी लंबाई 1200 किलोमीटर है। इस फॉल्ट ने अतीत में 7 से अधिक तीव्रता के कई भूकंप उत्पन्न किए हैं। यह 7 तीव्रता का पहला भूकंप नहीं है।” उन्होंने आगे बताया कि भूकंप की गहराई 20 से 30 किलोमीटर के बीच थी, जो कि उथली श्रेणी में आती है। इसका मतलब है कि भूकंप जमीन के ज्यादा नीचे नहीं था। इससे सतह पर ज्यादा नुकसान होने की आशंका रहती है। भूकंप का केंद्र जमीन के जितना करीब होता है, नुकसान उतना ही ज्यादा होता है। इसलिए, इस भूकंप से भी नुकसान हो सकता है।
म्यांमार के नायपीडॉ शहर में शुक्रवार को एक शक्तिशाली भूकंप आया। भूकंप के कारण शहर में तबाही मची हुई थी। नायपीडॉ के सबसे बड़े अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के बाहर घायलों की पंक्तियाँ लगी हुई थीं। कई पीड़ित दर्द से कराह रहे थे, तो कुछ धूल और खून से लथपथ सदमे में बैठे थे। सड़कों के टूटने और तारकोल के उखड़ने के बाद लगातार घायल आ रहे थे।
कुछ लोग कारों और पिकअप ट्रकों में आ रहे थे, तो कुछ को स्ट्रेचर पर लाया जा रहा था। अस्पताल के एक अधिकारी ने पत्रकारों को इलाज क्षेत्र से चले जाने के लिए कहते हुए कहा, “यह एक मास कैजुअल्टी एरिया है।” अस्पताल के अधिकारी ने यह बात इसलिए कही क्योंकि वहाँ बहुत सारे घायल लोग थे। 1,000-बेड वाले अस्पताल को भी काफी नुकसान हुआ था। हिंसक झटकों से इमरजेंसी विभाग के कुछ हिस्से ढह गए। प्रवेश द्वार पर गिरी कंक्रीट के नीचे एक कार दब गई।