मध्यप्रदेश

वनमंडलों में कुल 30 हजार 619 प्रकरण दर्ज हुए हैं, मध्य प्रदेश सरकार अपराध के प्रकरण समाप्त करेगी

भोपाल
मध्य प्रदेश के आदिवासियों पर दर्ज करीब आठ हजार वन अपराध राज्य सरकार खत्म करेगी। इसके लिए वन मुख्यालय ने सभी डीएफओ को कार्ययोजना भेजी है। इसके लिए वन मुख्यालय ने सभी वन मंडलाधिकारियों (डीएफओ) को कार्ययोजना भेजी है। इस कार्य योजना के अनुसार आगामी तीन माह में वन अधिनियम 1927 एवं वन्य प्राणी (संरक्षण अधिनियम 1972) के अंतर्गत अनुसूचित जनजातीय वर्ग के व्यक्तियों के विरुद्ध विगत 10 वर्षों के पंजीबद्ध प्रकरणों के निराकरण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है, जिन्हें समाप्त किया जाना है। वन मुख्यालय के अनुसार, वन विभाग एवं न्यायालय में लंबित कुल प्रकरणों की संख्या सात हजार 902 है।
 
अनुसूचित जनजातीय वर्ग के व्यक्तियों के विरूद्ध विगत 10 वर्षों के पंजीबद्ध प्रकरणों में से लंबित 3470 प्रकरणों के निराकरण के लिए कार्य आयोजना तैयार की गई है। 40 जिलों के वनमंडलों में 0 से 100 प्रकरण हैं जिनमें वन विभाग के पास 875 प्रकरण लंबित हैं जिन्हें एक माह में निराकृत किया जाना है। 11 जिले बालाघाट, बैतूल, रायसेन, सतना, सागर, दमोह, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, शिवपुरी एवं गुना के वनमंडलों में 100 से 300 प्रकरण हैं जिनमें वन विभाग के पास 2085 प्रकरण लंबित हैं जिन्हें दो माह में निराकृत किया जाना है। एक जिले बुरहानपुर वनमंडल में 300 से अधिक प्रकरण हैं जिनमें से वन विभाग के पास 513 प्रकरण लंबित हैं जिन्हें तीन माह में निराकृत करना है। इस प्रकार वन विभाग के पास कुल 3470 प्रकरण लंबित हैं।
 
10 वर्ष में 30 हजार से अधिक प्रकरण दर्ज, 22 हजार 717 किए निराकृत
पिछले दस वर्षों में सभी जिलों के वनमंडलों में कुल 30 हजार 619 प्रकरण दर्ज हुए हैं। जिनमें से 22 हजार 717 प्रकरण निराकृत कर दिए गए हैं। वहीं लंबित प्रकरणों की संख्या सात हजार 902 है जिनमें से 3470 प्रकरण वन विभाग के पास लंबित हैं और चार हजार 432 प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं। न्यायालय में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए सरकारी वकीलों के माध्यम से राज्य सरकार न्यायालय से अनुरोध कर रही है।

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