Uttar Pradesh

144 साल बाद बने इस अद्भुत संयोग का साक्षी बनने के लिए करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर उमड़ पड़े

प्रयागराज
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ अपने चरम पर पहुंच चुका है। 144 साल बाद बने इस अद्भुत संयोग का साक्षी बनने के लिए करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर उमड़ पड़े हैं। मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में रोज सवा करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगाकर शांति और मोक्ष की कामना कर रहे हैं। यही नहीं, 10 दिनों से लगातार बढ़ रहे आस्था के इस महाज्वार को देखते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

महाकुंभ में अब तक 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान के सहभागी बन चुके हैं। इसे देखते हुए महाशिवरात्रि पर यह आंकड़ा 66 करोड़ के पार हो जाने की संभावना है। सनातन धर्मावलंबी जितनी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे हैं, उतने पूरी दुनिया में आज तक कहीं दूसरी जगह एक साथ एकत्र नहीं देखे गए। गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा सात बार दो करोड़ के पार जा चुका है।

पिछले 10 दिनों से हर दिन सवा करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं, जिससे महाकुंभ क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। यहां लोगों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाकुंभ में पवित्र स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सात बार दो करोड़ के पार जा चुकी है। महाकुंभ में पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से लोग पहुंचे। यही नहीं, विभिन्न देशों से प्रयागराज आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं की भी इनमें अच्छी खासी तादाद रही है। बात सिर्फ प्रमुख स्नान की हो तो करीब 17 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस दौरान संगम तट पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई।

हर अमृत स्नान पर महाकुंभ नगर में जनसैलाब उमड़ा। प्रत्येक अमृत स्नान के मौके पर ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य किया। यही नहीं, महाकुंभ में ऐसा 12 बार हो चुका है जब गंगा स्नान करने वाले डेढ़ करोड़ लोगों की यहां संगम की रेत पर सहभागिता रही।

महाकुंभ के इस दिव्य और भव्य आयोजन में महाशिवरात्रि के अंतिम महत्वपूर्ण स्नान को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर विशेष निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत स्वास्थ्य और सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले टॉप के अधिकारियों को पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है, जिससे श्रद्धालु निर्बाध रूप से पवित्र स्नान और धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।

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