मध्यप्रदेश

DCCB भर्ती घोटाले का खुलासा, नियुक्तियां रद्द, अधिकारी निलंबित

जबलपुर
मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक और भर्ती घोटाले का खुलासा हुआ है. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर में सहायक समिति प्रबंधक से समिति प्रबंधक के पद पर भर्ती प्रक्रिया को लेकर बवाल हो गया है. फिलहाल कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी 27 नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है.

इस अनियमितता की जांच के लिए कलेक्टर ने 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है.इस मामले में कलेक्टर की समिति द्वारा चयनित 27 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के चयन प्रक्रिया का परीक्षण किया गया,जिसमें आरक्षण नियमों के उल्लंघन के साथ कई अनियमितताएं पाई गई.

नियमों को ताक पर रखकर की गई भर्ती
साथ ही मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 55 (1) के तहत जारी किये गये कर्मचारी सेवा नियोजन, निबंधन कार्यस्थिति, नियम 1989, 1990, 2002, 2010, 2013, 2015 का पालन भी नहीं किया गया. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच के आधार पर संबंधित अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की है. पदोन्नति की कार्रवाई में विसंगति परीक्षण में लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित विभाग के अधिकारियों में आशीष शुक्ला, सहकारी निरीक्षक, सहकारिता जबलपुर को निलंबित कर दिया गया है.

इसी तरह प्रशांत कौरव तत्कालीन वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, सहकारिता जिला जबलपुर (वर्तमान वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, जिला सिंगरौली) को भी निलंबित कर विभागीय शुरू करने का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रेषित किया गया है.

सहकारिता संभागीय संयुक्त आयुक्त निलबंति
इस मामले में संभागीय संयुक्त आयुक्त सहकारिता पी के सि‌द्धार्थ द्वारा दूषित चयन प्रक्रिया को नियमों के विपरीत जाकर अनुमोदित किया गया. उक्त कृत्य के लिए पीके सिद्धार्थ को निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करने का प्रस्ताव आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित किया गया है.

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि स्थापना प्रभारी सुभाष पचौरी ने समय-समय पर शासन के जरिये जारी किए गए परिपत्रों के साथ साथ वर्तमान नियमों एवं विनियमों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में जान बूझ कर नहीं लाया गया. इस वजह से सुभाष पचौरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके विरु‌द्ध विभागीय जांच शुरू की गई है.

इस तरह तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जबलपुर वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, नरसिंहपुर देवेन्द्र कुमार राय के कार्यकाल में संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया सम्पादित की गई. राय ‌द्वारा आरक्षण के बिना दोषपूर्ण विज्ञप्ति का प्रकाशन किया गया.

उनकी ओर से परीक्षण समिति के दोषपूर्ण परीक्षण को जानबूझ कर नजरअंदाज किया गया. राय की ओर से कर्तव्य निष्पादन में गंभीर लापरवाही बरती गई. इस वजह से देवेंद्र कुमार राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रेषित किया जा रहा है.

दूषित भर्ती प्रक्रिया में तत्कालीन सहकारिता आयुक्त अखिलेश निगम के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. अखिलेश निगम (वर्तमान उपायुक्त सहकारिता भोपाल) और चंद्रशेखर पटले, तत्कालीन सहायक प्रबंधक, मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, शाखा राइट टाउन द्वारा आवेदकों की पात्रता का परीक्षण किया गया.

जांच में हुआ ये खुलासा
इस मामले की जांच में पाया गया कि दोनों अधिकारियों ‌की ओर से अपने दायित्व का निर्वहन ठीक प्रकार से नहीं किया गया और अपात्र आवेदकों को पात्र दर्शाया गया. अखिलेश निगम के  विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर भोपाल संभाग भोपाल को प्रेषित किया जा रहा है.

चंद्रशेखर पटले को संभागीय संयुक्त पंजीयक सहकारिता विभाग के गोलमोल अनुमोदन को नज़रअंदाज़ कर नियुक्ति आदेश जारी किए जाने की वजह से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है. प्रशासनिक सूत्रों ने बताया की भर्ती किए गए समिति प्रबंधकों में से कई ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गबन और धोखाधड़ी के मामले लंबित है. इसके अलावा कुछ तो आपराधिक मामलों में वांछित हैं. कई ऐसे हैं जो कभी सहायक समिति प्रबंधक थे ही नहीं, लेकिन उनका भी चयन कर लिया गया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button