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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने महाकुंभ की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की, जो संगम की भव्यता को दर्शाती हैं

नई दिल्ली
भारत में हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार 144 साल के बाद भव्य रूप से मनाया जा रहा है। 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ अब 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने महाकुंभ की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं जो महाकुंभ के दौरान संगम की भव्यता को और भी खूबसूरती से दर्शाती हैं।

सैटेलाइट इमेज में महाकुंभ की छटा
ISRO ने महाकुंभ नगर में टेंट सिटी की पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें साझा की हैं। इन तस्वीरों में महाकुंभ के दौरान संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए तैयार की गई व्यवस्था, सड़कें, पीपा पुल और अन्य बुनियादी ढांचा नजर आ रहा है। इसके अलावा इन तस्वीरों में प्रयागराज में स्थित शिवालय पार्क का निर्माण भी दिखाया गया है जो 12 एकड़ में फैला है और महाकुंभ के प्रमुख आकर्षणों में से एक होगा। महाकुंभ 2025 में आयोजित होने वाले इस धार्मिक आयोजन के लिए पूरे शहर में टेंट सिटी और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया गया है। ISRO ने महाकुंभ मेला के लिए स्थापित की गई इस टेंट सिटी की टाइम सीरीज तस्वीरें भी जारी की हैं जो महाकुंभ के आयोजन को लेकर तैयारियों का पूरा विवरण देती हैं।

8 करोड़ श्रद्धालुओं ने की संगम में डुबकी
अब तक करीब 8 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ के दौरान हर दिन बड़ी संख्या में लोग संगम में पवित्र स्नान करने आते हैं। 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान लाखों श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाएंगे।

मौनी अमावस्या पर रेलवे ने की ऐतिहासिक तैयारी
महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने ऐतिहासिक तैयारियां की हैं। प्रयागराज रेल मंडल ने दावा किया है कि 22 जनवरी को 150 से ज्यादा मेला स्पेशल ट्रेनें चलेंगी जो रेलवे का नया रिकॉर्ड होगा। इन ट्रेनों की विशेषता यह है कि हर 4 मिनट में एक ट्रेन उपलब्ध होगी जिससे श्रद्धालुओं को आसानी से यात्रा करने का मौका मिलेगा। यह व्यवस्था मकर संक्रांति के दौरान चलने वाली 101 ट्रेनों से भी बड़ी होगी। इसके अलावा सभी 9 मुख्य रेलवे स्टेशनों से दिशावार ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

 

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