मध्यप्रदेश

प्रदेश में किसानों को श्रीअन्न की खेती के लिये मिलती है प्रोत्साहन राशि

भोपाल

किसानों को रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना अंतर्गत श्रीअन्न की खेती एवं उत्पादन बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा श्रीअन्न विशेषकर कोदो-कुटकी पर भुगतान किए गए न्यूनतम क्रय मूल्य के अतिरिक्त एक हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। राज्य सरकार ने प्रति हेक्टेयर अधिकतम 3900 रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान किया है।

प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादन में लगे कृषकों एवं समूहों को राज्य स्तरीय महासंघ द्वारा संगठित किया गया है। श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फार्म्स प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया गया है। नवीन तकनीकी के उपयोग से श्रीअन्न एवं उसके प्रसंस्कृत उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।

किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्रतिवर्ष प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 तक एक करोड़ 87 लाख किसानों को 18 हजार 587 करोड़ रूपये की दावा राशि का भुगतान किया गया है। कृषि के क्षेत्र में किए गए विशेष प्रयासों से प्रदेश में धान, मक्का, उड़द, सोयाबीन, गेहूँ, चना, मसूर, सरसों आदि का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश मक्का एवं तिल के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। वहीं गेहूँ, मोटा अनाज, चना, उड़द, मसूर, सोयाबीन एवं अलसी के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और मूंगफली, राई-सरसों के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।

प्रदेश में फसल विविधीकरण से पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिये जलवायु आधारित अनुकुल फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। बाजार और निर्यात मांग से प्रेरित फसलों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

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