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गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगा पिनाका और ग्रैड रॉकेट लॉन्चर, स्वदेशी पिनाका का उपयोग करगिल युद्ध में हुआ था

नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्यपथ पर भारतीय सेना के तोपखाने की ताकत भी दिखेगी। भारतीय सेना के पास तीन तरह के मल्टी बैरल रॉकेट हैं- रुसी ग्रैड, स्मर्च और स्वदेशी पिनाका (अग्निबाण)। परेड में कर्तव्य पथ पर पिनाका मल्टीलॉन्च रॉकेट सिस्टम और ग्रैड रॉकेट लॉन्चर दिखाई देगा। ग्रैड इस बार अपने नए अवतार में होगा।
स्वदेशी पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट दिखाई देगा

भारतीय सेना में करगिल युद्ध के वक्त पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट (अग्निबाण) लॉन्च होना शुरू हुआ था। यह स्वदेशी है। इसका कैलिबर 214एमएम है। इसकी रेंज 40 किलोमीटर है। पिनाका के हर रॉकेट लॉन्चर में 12 रॉकेट होते हैं। पिनाका की एक बैटरी में 6 वीइकल यानी 72 रॉकेट होते हैं। एक बैटरी 44 सेकंड में 72 रॉकेट दाग सकती है। पिनाका रॉकेट की रेंज बढ़ाने पर काम चल रहा है। 75 किलोमीटर रेंज वाले पिनाका रॉकेट का परीक्षण हो चुका है और इसे भारतीय सेना में शामिल करने की तैयारी है। इसकी रेंज 90 किलोमीटर, 120 किलोमीटर और 300 किलोमीटर तक करने की भी प्लानिंग है। भारतीय सेना के पास अभी पिनाका की चार रेजिमेंट हैं। 6 और रेजिमेंट को मंजूरी मिल चुकी है।

नए अवतार में होगा ग्रैड रॉकेट लॉन्चर

गणतंत्र दिवस परेड में इस बार जो ग्रैड रॉकेट लॉन्चर दिखेगा, वह नए अवतार में होगा। भारतीय सेना ने पुराने ग्रैड की गाड़ी को नया कर दिया है। ग्रैड मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर पहले रूसी वीइकल Ural-375 पर था। यह कैरियर पुराना हो गया है। भारतीय सेना ने इस वीइकल को बदल दिया है और इसकी जगह पर अशोक लीलैंड का ट्रक लगाया है। इसलिए कर्तव्य पथ पर जो ग्रैड BM-21 दिखाई देगी, उसका लॉन्चर तो पुराना ही है लेकिन कैरियर नया है।

40 साल पहले रूस से खरीदी थी ग्रैड

तकरीबन 40 साल पहले भारत ने रूस से ग्रैड खरीदी थी। इसका इस्तेमाल करगिल युद्ध में खूब किया गया। यह 50 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इसका कैलिबर 122 एमएम है यानी इससे 122 एमएम के रॉकेट फायर किए जाते हैं। एक लॉन्चर में 40 रॉकेट होते हैं जिन्हें हर दो सेकंड में फायर किया जा सकता है।

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