मध्यप्रदेश

महिला बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने झाबुआ में किया मोटी आई शुभंकर को लांच

भोपाल
महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कुपोषण मुक्त झाबुआ के तहत बनी राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त 'मोटी आई' अभियान का के शुभंकर लांच किया। उन्होंने पदोन्नत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र एवं बैज पहना कर सम्मानित भी किया। झाबुआ में जिला स्तरीय संवादकार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है जिसमें बड़ी संख्या मे लगभग 12670 से अधिक मिनी आंगनवाड़ियो का पूर्ण आंगनवाड़ी के रूप में उन्नयन किया गया है। झाबुआ जिले में 800 से अधिक आंगनवाड़ी इसी श्रेणी में आती है। पदोन्नत हुई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा कैबिनेट मंत्री को अभिनन्दन एवं आभार स्वरूप वृहद पुष्पमाला एवं पारम्परिक साफा, जिले की संस्कृति को परिलक्षित करते चाँदी के कड़े एवं तीर-कमान भेंट किये। साथ ही पदौन्नत हुई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी खुशी को व्यक्त करते हुए माँदल की थाप और “मोटी आई आवी गी” पर कैबिनेट मंत्री के साथ खुब थिरकी।

मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि उदयपुर के चिन्तन शिविर मे मोटी आई कान्सेप्ट की बहुत सराहना एवं प्रशंसा हुई। कलेक्टर एवं पूरी टीम के संयुक्त प्रयासो से मोटी आई के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे है। इस नवाचार के सफल होने पर सम्पूर्ण प्रदेश में कुपोषण से लड़ाई की जंग लागू किये जाने के लिये प्रयास किए जायेंगे और भ्रांतियों को तोड़कर झाबुआ को शीर्ष स्थान पर ले जायेंगे।

मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि प्रदेश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर आंगनवाड़ियों का उन्नयन किया गया है। जिले की सभी पदोन्नत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं एवं अब बडी जिम्मेदारी के साथ कार्य करने के लिए अग्रसर रहे स्वयं के स्वास्थ्य पर ध्यान जरूर देवे। जिले में वर्तमान में 124 नए आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है आने वाले 4 वर्षों में जिले की कोई भी आंगनवाड़ी भवन विहीन नहीं रहेगी।

कलेक्टर श्रीमती नेहा मीना ने जिले 800 से अधिक मिनी आंगनवाड़ियो का उन्नयन किये जाने पर कैबिनेट मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि जिले को कुपोषण मुक्त करने हेतु सर्वे एवं चिन्हांकन कर मोटी आई को जिम्मेदारी दी गयी है। जिले में सामुदायिक सहयोग की भावना को लिए मोटी आई कुपोषण से जंग में तत्परता से अग्रसर है। मोटी आई को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने से जिम्मेदारी और भी बढ़ गयी है, महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम की मेहनत का फल परिलक्षित हो रहा है। मोटी आई की तरह जिले के बच्चो का स्वयं के बच्चो की तरह देखभाल करने के लिए कृत-संकल्पित रहे।

 

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