छत्तीसगढ़

कांग्रेस में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का विलय होने की उम्मीद

रायपुर

प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का विलय होने की उम्मीद है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कांग्रेस में विलय के लिए प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर प्रस्ताव भेजा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की स्थापना 23 जून 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने किया था।

वर्ष-2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ मिलकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने चुनाव लड़ा था। गठनबंधन को 90 में से केवल सात सीटें ही मिलीं, जिसमें जोगी की पार्टी को पांच और बसपा की दो शामिल थीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में जोगी की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा। 77 सीटों पर प्रत्याशी उतरे, लेकिन किसी को जीत का स्वाद नही मिला।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी में होगा बदलाव
कांग्रेस में बड़े बदलाव की आवाज पिछले कई महीनों से उठ रही है। पार्टी नेतृत्व ने इस बारे में पहले भी कई मौकों पर संकेत दिया है। अभी तक पार्टी में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है, लेकिन अब बदलाव की आवाज जोर-शोर से उठने लगी है।

प्रदेश कांग्रेस संगठन में महामंत्री, सचिव और जिला अध्यक्ष सहित कई पद रिक्त हैं। इन पदों पर नए लोगों को नियुक्त किया जाना है। ये पद काफी समय से रिक्त हैं। नये वर्ष में कई जिलों में शहरी और ग्रामीण जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे, जिसकी तैयारी कर ली गई है।

प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराए जाएंगे, इसके लिए तैयारी पूरी की जा चुकी है। भाजपा और कांग्रेस ने लोगों के बीच जाने के लिए मुद्दे तय कर लिए हैं। प्रदेश के 14 नगर निगमों में से 10 में चुनाव होना है।

इनमें अंबिकापुर, धमतरी, कोरबा, बिलासपुर, चिरमिरी, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर शामिल हैं। रिसाली, भिलाई, बीरगांव और भिलाई-चरोदा में अभी चुनाव नही होंगे। 14 में से 13 निगमों में कांग्रेस की सरकार है। राज्य निर्माण के बाद पहली बार तय कार्यकाल के पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं हो पाए हैं। पहली बार प्रदेश में प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी। पंचायत चुनाव में भी पंचायतों में नए सरपंच मिलेंगे।

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