पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सरकार के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है, सेना के खिलाफ उग्र प्रदर्शन
पेशावर
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सरकार के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और लोगों का बिजली कटौती, महंगाई सहित सरकारी नीतियों के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों का विरोध-प्रदर्शन हिंसक और उग्र हो गया है वे सड़कों पर आ गए हैं। लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ है और वे उनसे आजादी की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच रावलकोट में भारतीय झंडा फहराया गया। 'मुजफ्फराबाद चलो' रैली रोके जाने के बाद लोग बेहद गुस्से में हैं। पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए PoK में धारा 144 लागू की गई है।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने एक सहायक आयुक्त की पिटाई की और उनके सरकारी वाहन में आग लगा दी। हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए चीनी निर्माण स्थलों और सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है। इससे पहले, संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी द्वारा महंगाई और बिजली संकट के विरोध में 'मुजफ्फराबाद चलो' की घोषणा के बाद पाकिस्तान सरकार ने PoK में पंजाब पुलिस और रेंजर्स को तैनात किया था।
इसके बाद पुलिस ने कई नेताओं, कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों को गिरफ्तार किया। मीरपुर के दादयाल इलाके में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। मुजफ्फराबाद, मीरपुर और PoJK के अन्य इलाकों में बंद का माहौल है और वे मुजफ्फराबाद जाने की योजना बना रहे हैं। लोग कर्फ्यू का विरोध कर रहे हैं। PoK के मीरपुर में पुलिस ने स्कूली छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इसके जवाब में पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में लोग आज विधान सभा के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
PoK की सबसे बड़ी पार्टी यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) ने प्रदर्शन में हुई गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है। पार्टी ने कहा कि पुलिस और सेना ने मिलकर गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजी हैं। UKPNP के लीडर शौकत अली कश्मीरी और नासिर अजीज खान ने गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की मांग की। UKPNP ने संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था से बिना देर करें हस्तक्षेप करने की मांग की है। PoK में खराब स्थिति को लेकर खुद पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने ये बात मानी है कि वहां लगातार मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है। पिछले महीने भी लोगों ने बढ़ती महंगाई के विरोध प्रदर्शन किया था।