देश

मानसून में एक बार जरुर देखें झारखंड के ये प्रमुख आकर्षण

रांची से 154 किलोमीटर दूर पश्चिम में नेतरहाट को छोटानागपुर की रानी कहा जाता है। घने जंगलों से घिरा यह पठार समुद्र तल से 3700 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का सूर्योदय व सूर्यास्त खास तौर पर लोगों में प्रसिद्ध है। यहां से 61 किमी दूर लोध फॉल्स और 35 किमी दूर सडनी फॉल्स हैं। यहां से दो सौ किलोमीटर दूर बेतला राष्ट्रीय पार्क है जिसमें बड़ी संख्या में बाघ, पैंथर और हाथी मौजूद हैं। हजारीबाग में 183.89 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है राष्ट्रीय पार्क जिसमें जंगली सूअर, सांभर, नीलगाय, चीतल के अलावा भालू, बाघ व तेंदुआ भी मौजूद हैं। यहां 1970 में हुए सेंसस में 14 बाघ, 25 तेंदुए व 400 सांभर गिने गए थे। इसके अलावा कैनारी हिल्स, राजरप्पा फॉल्स व सूरजकुंड के गरम पानी के कुंड भी हजारीबाग का आकर्षण हैं।

रांची: झरने ही झरने

दसम फॉल्स: राजधानी रांची से टाटा रोड पर 40 किलोमीटर दूर तैमारा गांव के निकट बहती है कांची नदी। यहां दसम घाघ पर यह नदी 144 फुट की ऊंचाई से गिरते हुए शानदार झरना बनाती है। रांची से 28 किलोमीटर की दूरी पर हुंडरू फॉल्स हैं जहां स्वर्णरखा नदी 320 फुट की ऊंचाई से गिरती है। बारिश के दिनों में इसका स्वरूप काफी बड़ा हो जाता है जबकि बाकी सालभर यह एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट रहता है। रांची से 40 किमी दूर जोन्हा फॉल्स है। यहां के टूरिस्ट गेस्टहाउस में गौतमबुद्ध का मंदिर है और गौतम बुद्ध के नाम पर इस फॉल्स को गौतमधारा भी कहा जाता है। इसी तरह राजधानी से चक्रधरपुर जाने वाले रास्ते पर 70 किमी दूर घने जंगलों के बीच हिरणी फॉल्स है। यह जगह भी प्राकृतिक लिहाज से बेहद खूबसूरत है। इसके अलावा रांची हिल, गोंडा हिल व रॉक गार्डन, टैगोर हिल, जगन्नाथपुर मंदिर व हिल, अंगराबाड़ी और टाटा रोड पर 39 किलोमीटर दूर बुंदू के निकट सूर्य मंदिर भी राजधानी में देखे जाने वाली जगहों में से हैं।

देवघर का बैद्यनाथ धाम

देवघर का बैद्यनाथ धाम देशभर में शिव की पूजा करने वालों के बीच महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वैसे तो यहां सावन के महीने में खासा बड़ा मेला लगता है लेकिन यहां जाने का सबसे बढि़या समय अक्टूबर से फरवरी के बीच है।

कब व कैसे

रांची राज्य का प्रमुख हवाई अड्डा है। इसके अलावा राज्य के सभी प्रमुख शहर रेल व सड़क मार्ग से देश के बाकी हिस्सों से जुड़े हुए हैं। झारखंड मौसम के लिहाज से मैदानी भारत के बाकी राज्यों से ज्यादा खुशगवार है। इसलिए अक्टूबर से मार्च तक तो यहां जाने का सर्वश्रेष्ठ समय है ही, गरमियों में भी यहां के कई इलाके सुकून देते हैं।

छोटानागपुर की रानीः नेतरहाट

मानसून केरल के तट पर आहट देने को तैयार है। देश में ऐसे कई हिल स्टेशन हैं, जहां गर्मियों और बारिश में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसा ही एक स्थल है रांची से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेतरहाट। झारखंड में 15 जून तक मानसून पहुंचने की संभावना है। मानसून की उपस्थिति से पहले यहां बड़ी संख्या में लोग सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने पहुंच हे हैं। वैसे मानसून में भी यहां के दृश्य बेहद रोमांचक होते हैं।

प्रकृति ने इसे बहुत ही खूबसूरती से संवारा है। यहां पर लोग सूर्योदय व सूर्यास्त देखने आते हैं। नेतरहाट समुद्र सतह से 3622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस खूबसूरती ने अब फिल्म मेकर्स को भी अपनी ओर खींचा है। यहां इन दिनों देश भर से 150 फिल्म मेकर्स पहुंचे हैं और इन खूबसूरत वादियों में फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।

-छोटा नागपुर की रानी के नाम से प्रसिद्ध नेतरहाट में ज्यादातर पर्यटक गर्मियों और बरसात के मौसम में पहुंचते हैं। गर्मियों में लोगों को यहां की ठंड काफी राहत देती है। वहीं, मानसून के दौरान यहां की हरियाली लोगों को एक अजीब सुकून पहुंचाती है।

पर्यटक यहां आने पर प्रसिद्व नेतरहाट विद्यालय, लोध झरना, ऊपरी घाघरी झरना तथा निचली घाघरी झरना देखना नहीं भूलते हैं। झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा फाॅल बरहा घाघ (466 फुट) नेतरहाट के पास ही है।

नेतरहाट आने वाले पर्यटक यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त देखना नहीं भूलते। सूर्योदय के दौरान इंद्रधनुषी छटा को देखकर ऐसा लगता है कि हरी वादियों से एक रक्ताभ गोला धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है।

इस क्षण प्रकृति का कण-कण सप्तरंगी हो जाता है। सूर्यास्त देखने के लिए लोग नेतरहाट से 10 ज्ञड दूर मैगनोलिया प्वाइंट जाते हैं। इन दिनों यहां करीब दर्जनभर डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई गई हैं। यहां तीन से चार दिन रहकर प्रातिक छटा का लुत्फ पूरी तरह उठाया जा सकता है। यहां ठरहने के लिए वन विभाग के रेस्ट हाउस के अलावा विभिन्न श्रेणी के निजी रेस्ट हाउस भी उपलब्ध हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button