मध्यप्रदेश

जनजातीय छात्रावासों में 138 करोड़ रूपये से अधिक के अधोसंरचना सुधार जारी

भोपाल
जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिये प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखंडों में विभिन्न श्रेणी के छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। इन छात्रावासों में सभी बुनियादी एवं आधुनिक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में सभी जनजातीय छात्रावासों में 138 करोड़ 52 लाख रूपये की लागत से अधोसंरचना सुविधाओं का सुधार एवं विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखंड़ों एवं विशेष रूप से कमजोर एवं पिछड़े जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बहुल 6 जिलों में कुल 380 छात्रावास एवं आश्रम शालाएं बारहमासी संस्थाओं के रूप में स्वीकृत होकर संचालित की जा रही हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 312 संस्थाओं में बीते ग्रीष्मकाल के दौरान 11 हजार 420 से अधिक विद्यार्थियों ने इन संस्थाओं में प्रवेशित रहकर अध्ययन कार्य किया।

जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बताया कि छात्रावासों की व्यवस्थाओं में सुधार एवं मॉनिटरिंग राज्य स्तर से की जा रही है। इसके लिए राज्य शासन के सचिव स्तर के अधिकारियों की छात्रावास निरीक्षण ड्यूटी लगाई गई है। जिला स्तर एवं संभाग स्तर से भी छात्रावासों के सतत् निरीक्षण के लिये निरीक्षण दल गठित कर सभी छात्रावासों का निरंतर निरीक्षण कराया जा रहा है। साथ ही विद्यार्थियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराये जाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों का वर्ष में कम से-कम एक बार सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है।

मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि कन्या छात्रावासों के लिए महिला अधिकारियों का निरीक्षण दल जिला स्तर से गठित कर कन्या छात्रावासों का बारीकी से निरीक्षण कराकर बालिकाओं की काउंसलिंग भी कराई जा रही है। छात्रावासी विद्यार्थियों को उनके पालकों से बात करने के लिए माह में कम-से-कम एक बार मोबाइल से बात कराने की सुविधा दी जा रही है। विशेष अभियान चलाया जाकर शैक्षणिक आवासीय संस्थाओं के छात्रावासों में लगभग 44 हजार से अधिक विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टिगत काउंसलिंग भी कराई गई है। छात्रावासों की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में पालकों/अभिभावकों का सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रत्येक छात्रावास में पालक समिति की बैठक (पीटीएम) भी नियमित रूप से आयोजित की जा रही है।

उन्होंने बताया कि आवासीय विद्यालयों के सभी विद्यार्थियों की शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षमता संवर्धन के उद्देश्य से संभागवार 10 समूह बनाकर राज्य में स्थित विभिन्न शैक्षणिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक एवं भौगोलिक पर्यटन स्थलों का एक्सपोजर विजिट भी कराया जा रहा है।

 

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