मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रातापानी टाइगर रिजर्व का आज करेंगे लोकार्पण

भोपाल.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में 13 दिसम्बर को गोल जोड़, कोलार रोड भोपाल में प्रदेश के 8वें टाइगर रिजर्व रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण करेंगे। इसमें विशिष्ट अतिथि राज्य वन पर्यावरण मंत्री श्री दिलीप अहिरवार होंगे। लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अभिनेता, लेखक, निदेशक श्री रणदीप हूड्डा रातापानी टाइगर रिजर्व की जागरूकता के लिये "विरासत से विकास की अनूठी दौड़" बाईक रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे। यह रैली गोल जोड़ चौराहे से एकांत पार्क तक निकाली जाएगी।

रातापानी टाईगर रिजर्व का लोकार्पण 13 दिसम्बर 2024 को सुबह 10:30 बजे होगा। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और आमजन भी उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल और मार्गदर्शन पर 2 दिसम्बर, 2024 को रातापानी को प्रदेश का 8वाँ टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है। रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर तथा बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर होगा।

रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र की सीमा के अंदर स्थित राजस्व ग्राम झिरी बहेड़ा, जावरा मलखार, देलावाड़ी, सुरई ढाबा, पांझिर, कैरी चौका, दांतखो, साजौली एवं जैतपुर का रकबा 26.947 वर्ग किलोमीटर राजस्व भूमि इन्क्लेव के रूप में बफर क्षेत्र में शामिल है। टाइगर रिजर्व में भौगोलिक रूप से स्थित, उक्त 9 ग्राम अभयारण्य की अधिसूचना में कोर क्षेत्र में शामिल नहीं हैं।

रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से टाइगर रिजर्व का सम्पूर्ण कोर क्षेत्र रातापानी टाइगर अभयारण्य की सीमा के भीतर है। इससे ग्रामीणों के वर्तमान अधिकार में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इससे स्थानीय ग्रामीणों को पर्यटन से नये रोजगार सृजित होंगे, जिससे आर्थिक लाभ होगा। टाइगर रिजर्व गठित होने से भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से बजट प्राप्त होने से वन्य-प्राणियों का और बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को पर्यटन बढ़ने से लाभ प्राप्त होगा। टाइगर रिजर्व बनने से रातापानी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा भोपाल की पहचान “टाइगर राजधानी’’ के रूप में होगी।

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