20 हजार 199 से अधिक गैस पीड़ितों के बनाए गए आयुष्मान कार्ड
भोपाल
भोपाल गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार तत्पर है। गैस पीड़ितों के लिए आयुष्मान भारत ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना के तहत 5 दिसम्बर तक 20 हजार 199 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।
गैस पीड़ितों और उनके बच्चों के लिए भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के तहत 6 अस्पताल और 9 औषधालय भी संचालित किए जा रहे हैं, जहां सभी प्रकार की जांच, उपचार और आवश्यक सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध हैं। साथ ही आयुष्मान योजना के अंतर्गत भोपाल गैस राहत विभाग से अनुबंधित सभी अस्पतालों में भी गैस पीड़ितों को आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधाएँ दी जा रही हैं।
गंभीर बीमारियों के विशेष इलाज
किडनी, लीवर ट्रांसप्लांट और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित के इलाज के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। कैंसर उपचार के लिए विभाग ने एम्स भोपाल और 3 निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया है। इसके अतिरिक्त कमला नेहरू अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की स्थापना की गई है, जहां 13 डायलिसिस मशीनों के जरिये पीड़ित मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है।
अत्याधुनिक आपातकालीन सेवाएं भी जारी
भोपाल गैस राहत विभाग के सभी अस्पतालों में 24×7 इमरजेंसी यूनिट संचालित की जा रही है। इन यूनिट्स में गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को तुरंत और उन्नत चिकित्सा सेवाएं, सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
गैस प्रभावित विधवाओं (कल्याणियों) को राज्य सरकार द्वारा विशेष राहत दी जा रही है। इन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त 1,000 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में 4 हजार 406 विधवाओं को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का प्रमुख लक्ष्य कल्याण योजनाओं के तेज क्रियान्वयन और चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार से गैस पीड़ितों के जीवन स्तर में त्वरित सुधार लाना है।