मध्यप्रदेश

विधायक उषा ठाकुर ने प्रशासन से इंदौर में रहकर काम कर रहे बांग्लादेशियों की जांच करने की मांग की

 इंदौर

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी बीच इंदौर में काम कर रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ बीजेपी विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है. पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने प्रशासन से मांग की है कि सराफा बाजार और सदर बाजार में रहकर काम कर रहे बांग्लादेशियों की जांच कर उन्हें तत्काल यहां से विदा किया जाए. वहीं विधायक रमेश मेंदोला भी विरोध कर रहे हैं.
 
कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने भी इंदौर में रह रहे बांग्लादेशियों की जांच की मांग की थी. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जो भी यहां अनैतिक तरीके से रह रहा है उसकी जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए.
 
उषा ठाकुर ने की मांग
महू विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि, हम जिला प्रशासन को पत्र लिखकर यह मांग कर रहे है कि जितने भी बांग्लादेशी कारोबारी और मजदूर यहां काम करने आए है, इनका भी परिक्षण किया जाना चाहिए. इनका आधार कार्ड और समग्र आईडी चेक करना चाहिए. वहीं जितने भी बांग्लादेशी है उन सबको यहां से तत्काल विदा करना चाहिए.
 
मेन्दोला का नोबल पुरस्कार समिति से मांग
इंदौर 2 के विधायक रमेंश मेंदोला ने बांग्लादेश में निर्दोष हिन्दुओं के नरसंहार के विरोध में नोबल पुरस्कार समिति से मांग की है, उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख युनुस मोहम्मद से नोबल विश्व शान्ति पुरस्कार वापस लेने की मांग की है. विधायक रमेश मेन्दोला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा की  बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार और उत्पीड़न के विरुद्ध इंदौर से उठी आवाज अब वैश्विक स्वर ले रही है. मैं नोर्वे स्थित नोबल पुरस्कार समिति से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख युनुस मोहम्मद से नोबल विश्व शान्ति पुरस्कार वापस लेने की मांग करता हूं.

इंदौर 2 के विधायक रमेंश मेंदोला ने बांग्लादेश में निर्दोष हिन्दुओं के नरसंहार के विरोध में नोबल पुरस्कार समिति से मांग की है कि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख युनुस मोहम्मद से नोबल विश्व शान्ति पुरस्कार वापस लिया जाए।

मेंदोला ने एक्स पर भी पोस्ट करते हुए कहा है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार और उत्पीड़न के विरुद्ध इंदौर से उठी आवाज अब वैश्विक स्वर ले रही है। मैं नोर्वे स्थित नोबल पुरस्कार समिति से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख युनुस मोहम्मद से नोबल विश्व शान्ति पुरस्कार वापस लेने की मांग करता हूं।

बता दें कि युनुस मोहम्मद को नोबल प्राइज कमेटी ने साल 2006 में नोबल विश्व शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। नोबल प्राइज कमेटी से मांग करते हुए मेंदोला ने कहा कि-

पुरस्कार की नीति की समीक्षा करनी चाहिए। जो व्यक्ति अपने देश का मुखिया रहते हुए हिंदू उत्पीड़न, अवैध धर्मांतरण और नरसंहार का जिम्मेदार है। वह नोबल विश्व शान्ति पुरस्कार विजेता कहलाने के योग्य नहीं हो सकता।

बंगाली कारीगर एसोसिएशन बोला- अगर कोई बांग्लादेशी तो हमें कैसे पता चलेगा

बंगाली कारीगर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशांत सामवंत ने कहा कि, सराफा बाजार में काम करने वाले कारीगर पश्चिम बंगाल से आए हैं, जो भारत का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि इंदौर सराफा बाजार में लगभग 15 से 20 हजार बंगाली कारीगर काम कर रहे है।

वहीं उनकी एसोसिएशन में 10,000 से अधिक कारीगर रजिस्टर्ड हैं। यदि कोई बांग्लादेशी नागरिक बंगाली बनकर काम कर रहा है, तो इसकी जानकारी पुलिस को ही जांच कर पता लगानी चाहिए। बता दें कि कल इंदौर में हुए बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन में इंदौर बंगाली कारीगर एसोसिशन ने भी हिस्सा लिया था।

 
बांग्लादेशी कारीगरों की आशंका
इंदौर के सराफा बाजार में 15,000 से अधिक बंगाली कारीगर सोने के जेवर बनाने का काम करते हैं. यहां काम करने वाले कारीगर सराफा बाजार के आसपास ही किराए के मकानों में रहते हैं. सराफा में काम करने वाले कारीगरों का एक एसोशिएसन भी है, जानकारी के अनुसार  इन कारीगरों में कुछ बांग्लादेश से आए लोग भी शामिल हो सकते हैं. लेकिन उन कारीगरों के सही आंकड़े का कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं है

 

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