केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इंदौर में एड्स पर जागरुकता के लिए थीम सांग को किया लांच
इंदौर
विश्व एड्स दिवस पर मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा रविवार को इंदौर पहुंचे। खंडवा रोड स्थित डीएवीवी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस वर्ष की थीम ‘अधिकार का मार्ग अपनाएं : मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार’ के अनुरूप एड्स जागरूकता, उपचार के लिए अधिकार, एड्स से प्रभावित लोगों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने जैसे विषयों पर संबोधित किया। कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नाको के एड्स दिवस से जुड़े थीम गीत को भी लांच किया गया। इसके पहले केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का शहर में जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ।
इंदौर में एड्स के मरीजों के लिए काम कर रही सामाजिक संस्थाएं
एड्स के मरीजों के लिए शहर में प्रशासन के साथ ही सामाजिक संस्थाएं भी काम कर रही हैं। संस्था पवित्र आत्मा सेविका संघ विश्वास और समग्र हर सप्ताह हजारों मरीजों को एकजुट करती है। उन्हें बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरणा दी जाती है। इससे मरीजों में एड्स से लड़ाई लड़ने का हौसला आता है। संस्था इन मरीजों की नियमित दवाइयां, मेडिटेशन, योगा आदि करवाती है। इससे हजारों परिवार में खुशियां आ चुकी हैं। ऐसे प्रयासों से कई संक्रमित स्वस्थ बच्चों को जन्म दे चुके हैं। इससे नए मरीजों की संख्या भी कम हो रही है। वर्ष 2003 से उक्त संस्था में 8415 मरीज रजिस्टर्ड हैं। यह गांव-गांव जाकर शिविर आयोजित करती है। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज आदि स्थानों पर जाकर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती है।
एड्स पॉजिटिव माता-पिता दे रहे स्वस्थ बच्चे को जन्म
एमवायएच में संचालित एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि जागरूकता के कारण अब एड्स पाजिटिव माता-पिता एड्स निगेटिव बच्चे को जन्म दे रहे हैं। वहीं यदि माता-पिता में से कोई एक पॉजिटिव है तो वह भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दे रहे हैं।
मरीज यदि नियमित उपचार लेता है तो वायरल लोड नगण्य हो जाता है। जागरूकता के कारण निगेटिव नवजात को जन्म देने की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। सेंटर में अभी पांच हजार से अधिक मरीज रजिस्टर्ड हैं। एड्स के मरीजों की संख्या का प्रतिशत हर वर्ष कम हो रहा है।