Uttar Pradesh

इटावा जिला चिकित्सालय के पास फायर एनओसी नहीं, सिलेंडर के भरोसे चल रहा अस्पताल

इटावा
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक दर्जन नवजात बच्चों की मौत के बाद प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। सभी जिलों में फायर डिपार्टमेंट को स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सरकारी और गैर सरकारी संस्थान में निरीक्षण व जांच करने के भी निर्देश मिले हैं।

इटावा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में अग्निशमन के नाम पर महज फायर एक्सटिंगविशर (सिलेंडर) के सहारे सारी व्यवस्था चल रही है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और दमकल विभाग ने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी किया था। जिला अस्पताल में फायर संबंधित उपकरण लगाने के लिए पहले ही शासन से तीन करोड़ के बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें करीब सवा करोड़ की राशि स्वीकृत भी हो गई है। लेकिन कार्यदायी संस्था इसका काम कब शुरू करेगी, इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

करीब 29 वर्षों से संचालित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय के पास फायर एनओसी नहीं हैं, जबकि यहां प्रतिदिन तीन से पांच हजार मरीजों का आना जाना रहता है। झांसी में हुए अस्पताल में हादसे के बावजूद जिला अस्पताल में मानक के तहत अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं। आग से सुरक्षित रहने के लिए जिला चिकित्सालय सिर्फ फायर एक्सटिंगविशर (सिलेंडर) पर ही निर्भर है।

जिला अस्पताल में मानक के तहत अग्निशमन यंत्र लगाने और फायर एनओसी लेने के लिए शासन से करीब तीन करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। इसमें से 124 लाख रुपये कार्यदायी संस्था को स्थानांतरित भी कर दिए गए हैं। लेकिन कार्यदायी साथ यूपीसीएल ने अब तक कोई कार्य शुरू नहीं किया है। जिला अस्पताल में वाटर टैंक, हाइड्रेंट प्वाइंट, ऑटोमेटिक मशीन, अलार्म सिस्टम, स्मोक सिस्टम आदि मशीन लगवाई जानी है।

संयुक्त जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएम आर्या ने बताया कि अस्पताल में फायर सिस्टम के लिए शासन ने यूपीसीएल को कार्य दिया है। इस कार्य के लिए करीब तीन करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। सीएमएस ने बताया कि झांसी की घटना से एक सप्ताह पहले ही शासन ने कार्यदायी संस्था को 124 लाख का बजट स्थानांतरित कर दिया है। अग्निशमन यंत्र लगाए जाने के लिए कार्यदाई संस्था को पत्र भी लिखा जा चुका हैं। फिलहाल हमारे अस्पताल में जितने फायर एक्सटिंगविशर (सिलेंडर) होना चाहिए, उससे अधिक मात्रा में लगे हुए है।

उन्होंने बताया एसएनसीयू वार्ड के अलावा जिला अस्पताल में संवेदनशील वार्ड और जरूरत वाले स्थानों पर 15 नए अग्निशामन यंत्रों को लगाया गया है। आने वाले समय में इन अग्निशामक यंत्रों को और लगवाया जाएगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button