विदेश

पाकिस्तान को एक बार फिर से संसद में लगा ‘अखंड भारत’ का नक्शा डराने लगा

कराची

भारत में चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच नई संसद में लगी 'अखंड भारत' की भित्तिचित्र को लेकर पाकिस्तान में विवाद खड़ा हो गया है. पाकिस्तान के पत्रकार, विदेश मामलों के एक्सपर्ट्स ने आरोप लगाए हैं कि यह भारत के पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए खतरा है. उनका कहना है कि भारत इसके जरिए पड़ोसी देशों पर अपना दावा पेश करना चाहता है.

पाकिस्तान के पत्रकार हामिद मीर ने जियो टीवी के अपने टॉक शो में सवाल किया कि अगर किसी देश की संसद में एक ऐसा नक्शा लगा दिया जाता है जिसमें वो 5-6 पड़ोसी देशों को शामिल कर लेते हैं और खुल्लम खुल्ला कह रहे हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान- ये सब भारत का हिस्सा बन जाएंगे. क्या पाकिस्तान के पास कोई अंतरराष्ट्रीय फोरम है जहां वो जाकर कह सके कि हमारी सुरक्षा खतरे में है, हम खतरे में हैं…हमें आप बचाएं?

पाकिस्तानी डिप्लोमैट एजाज अहमद चौधरी ने हामिद मीर के सवाल के जवाब में कहा कि सभी देशों को कूटनीतिक तरीके से इसका विरोध करना चाहिए.

भारत से दोस्ती रखने को लेकर अरब देशों पर भड़के पाकिस्तानी पत्रकार

हामिद मीर ने कहा कि 'अखंड भारत' नक्शे को लेकर अरब के देशों को भी विरोध जताना चाहिए. उन्होंने भारत से दोस्ती बढ़ाने को लेकर अरब देशों पर निशाना साधते हुए कहा, 'खासतौर पर उन अरब देशों को विरोध जताना चाहिए जो मोदी साहब के गले में बड़े-बड़े हार डालते हैं. उनसे कहा जाए कि आप इनसे दोस्ती रखें लेकिन देखें कि आपके बारे में ये क्या कह रहे हैं.'

उनकी इस बात पर पाकिस्तानी डिप्लोमैट एजाज अहमद ने कहा कि अरब के देश फिलहाल भारत के साथ अपना व्यापार बढ़ाने में लगे हुए हैं, वो ये नहीं देखते कि भारत उनके बारे में कैसी राय रखता है.

उन्होंने आगे कहा, 'भारत मानता है कि आज से कई सौ साल पहले जो अरब यहां पर आए थे, वो घुसपैठिए हैं और उनको हमें मारकर या किसी भी तरह देश से निकालना है. और ये हो रहा है… आपने देखा कि भारत में मुसलमानों की हालत बड़ी खराब है.'

'भारत के तेवर का जवाब देना जरूरी'

टॉक शो के दौरान पाकिस्तान के वकील और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार अहमर बिलाल सूफी ने कहा कि अगर कोई देश कोई नक्शा जारी करता है और अगर कोई देश उससे सहमत नहीं है तो उसका कानूनी कर्तव्य है कि वो प्रतिक्रिया दे. अगर देश प्रतिक्रिया नहीं देता तो इसका मतलब है को वो इसे चुपचाप स्वीकार कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'यह बेहद खतरनाक है जिसमें एक देश अपने आसपास के सभी देशों पर कब्जे का इरादा रखता है. भारत अपने आसपास के सभी देशों पर अपना दावा चाहता है, यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सीरियस डेवलपमेंट है, यह भारत का बहुत खतरनाक तेवर है. इस तेवर का जवाब देना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आप ये नहीं करेंगे तो माना जाएगा कि आप इसे स्वीकार करने की तरफ बढ़ रहे हैं.'

बिलाल सूफी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा भारत में आधिकारिक तौर पर यह नैरेटिव बनाया जा रहा है कि हम अखंड भारत बनाएंगे. सीएम योगी ने पिछले साल फरवरी में भारत को 'हिंदू राष्ट्र' की संज्ञा देते हुए कहा था कि आनेवाले समय में 'अखंड भारत' का सपना पूरा होगा.

क्या है 'अखंड भारत' की अवधारणा?

'अखंड भारत' शब्द का इस्तेमाल एकीकृत भारत की अवधारणा के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसमें कहा जाता है कि आज का अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका 'अखंड भारत' का हिस्सा थे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे में 'अखंड भारत' शीर्ष पर रहा है. संघ का मानना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और तिब्बत का क्षेत्र हिंदू सांस्कृतिक समानताओं के आधार पर बना एक राष्ट्र है.

संसद में लगे भित्तिचित्र पर भारत का स्पष्टीकरण

संसद में लगे 'अखंड भारत' के भित्तिचित्र पर पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों के विरोध को देखते हुए भारत पहले ही स्पष्टीकरण दे चुका है.

बीते साल विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, 'संसद में जो भित्तिचित्र लगी है,ो वो अशोक के साम्राज्य को दिखा रही है. ये भित्तिचिज्ञ अशोक के जिम्मेदार और जनता के लिए समर्पित सरकार का वर्णन है. भित्तिचित्र और उसके सामने लगी पट्टिका यही बता रही है.'

 

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