विदेश

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने से पहले ही अपने फैसलों और बयानों को लेकर चर्चा में

वाशिंगटन
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने से पहले ही अपने फैसलों और बयानों को लेकर चर्चा में हैं। अमेरिका को एक बार फिर ग्रेट यानी महान बनाने का नारा दे चुके ट्रंप अपने कड़े और अप्रत्याशित फैसलों के लिए प्रसिद्ध हैं। अब ट्रंप के एक बार फिर सत्ता में लौटने से दुनिया भर में हलचल है। इस बीच ट्रंप की वापसी से कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की चिंताएं और बढ़ गई हैं। आर्थिक उथल-पुथल से जूझते कनाडा की ट्रूडो सरकार को पहले से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच ट्रंप ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि पदभार संभालते ही पहले दिन वह कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे। जाहिर तौर पर यह ट्रूडो के लिए अच्छी खबर नहीं है।

कनाडा दुनिया के सबसे ज्यादा व्यापार निर्भर देशों में से एक है और कनाडा का 75% निर्यात अमेरिका को जाता है। यह व्यापार निर्भरता कनाडा को अमेरिकी आर्थिक और विदेश नीतियों में बदलाव के प्रति संवेदनशील बनाती है। ट्रंप के चुनाव जीतने पर को बधाई देते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कूटनीतिक लहजे में कहा था कि दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती है और सहयोग के लिए आशा व्यक्त किया। हालांकि पर्दे के पीछे ट्रूडो की सरकार एक अशांत दौर के लिए तैयार है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी में ट्रूडो ने कहा था कि ट्रंप का दूसरी बार राष्ट्रपति बनना पहले की तुलना में बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। विश्लेषकों का कहना है कि इसमें सच्चाई भी है।

ट्रंप ने कहा था पागल वामपंथी
कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्रंप की जीत के बाद आश्वासन देते हुए कहा था कि कनाडा तैयार है और ट्रंप के आने पर बिल्कुल ठीक रहेगा। हालांकि यह आसान नहीं होगा। ट्रंप ट्रूडो को उनकी कोविड-19 सीमा नीतियों के लिए पागल वामपंथी कह चुके हैं और कनाडा में 2018 के जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान उनपर बहुत बेईमान होने का आरोप लगाते हुए वहां से चले गए थे। इस बार कनाडा सतर्क है और वह यह जानते हैं कि छोटी-छोटी बातें भी संबंधों को जटिल बना सकती हैं।

ट्रूडो पर बनेगा दबाव
राजनीतिक रूप से यह ट्रूडो के लिए कठिन दौर है। अगले साल कनाडा में होने वाले चुनावों से पहले कई सर्वे यह अनुमान लगा रहे हैं कि जस्टिन ट्रूडो की वापसी मुश्किल है। इस बीच देश में बढ़ते महंगाई और आर्थिक चुनौतियों पर ट्रंप की नीतियों से दबाव और बढ़ेगा। ट्रंप अपनी विदेश नीति के तहत कनाडा पर रक्षा बजट बनाने का भी दबाव डालेंगे। यह न केवल राष्ट्रीय बजट को प्रभावित करेगा बल्कि स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे जैसे घरेलू मुद्दों से प्राथमिकताओं को दूर कर सकता है। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह सीमा प्रबंधन को लेकर भी बदलाव कर सकते हैं। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों के हटाने की नीतियां कनाडा में शरण लेने वाले प्रवासियों की संख्या में वृद्धि का कारण बन सकती हैं। कंजर्वेटिव सरकार में पूर्व आव्रजन मंत्री जेसन केनी ने एक वास्तविक संकट की चेतावनी दी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button