मध्यप्रदेश

वायु गुणवत्ता सुधार के लिये माइक्रो लेबल एक्शन प्लान बनाये : मुख्य सचिव जैन

भोपाल

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकेप) अंतर्गत प्रदेश स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में शहरों की वायु गुणवत्ता सुधार के लिये माइक्रो लेबल एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव जैन ने एनकेप अंतर्गत चिन्हित प्रदेश के नॉन अटेनमेंट शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, देवास एवं सागर के कलेक्टर कमिश्नर को आगामी बैठक में स्वच्छ वायु के लिये एक्शन प्लान प्रस्तुत करने को कहा है। बैठक में एनकेप अंतर्गत चिन्हित शहरों के कलेक्टर एवं कमिश्नर वीडियो कान्फ्रेंसिंग से शामिल हुए। आयुक्त नगरीय निकाय एवं आवास ने एनकेप में चिन्हित प्रदेश के नॉन अटेनमेंट शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

मुख्य सचिव जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश के शहरों की वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए.क्यू.आई.) की जानकारी प्रतिदिन प्रस्तुत की जा रही है जिसके अनुसार प्रदेश के 07 नॉन-अटेनमेंट शहरों के अतिरिक्त सिंगरौली, मण्डीदीप एवं पन्ना का वायु गुणवत्ता सूचकांक भी खराब से बहुत खराब श्रेणी का आ रहा है। इनके सुधार के लिये गंभीरतापूर्वक माइक्रो लेबल की प्लानिंग करें। उन्होंने उज्जैन, ग्वालियर, देवास एवं सागर द्वारा वायु गुणवत्ता सुधार के लिये वर्ष 2023-24 की स्वीकृत राशि का शत-प्रतिशत उपयोग नहीं करने पर अप्रसन्नता जताई।

मुख्य सचिव जैन ने कहा कि शहरों के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं पर तत्काल रोक के लिये माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालनार्थ प्रावधानित दण्ड की कार्यवाही विशेष अभियान चलाकर की जाये। इसके साथ-साथ उनको व्यवहारिक समझाईश (कॉउंसलिंग) देने के लिये समय-समय पर कार्यक्रम भी आयोजित करें। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरा एकत्रित करने के पश्चात् ना जलाये जाने के संबंध कॉउंसलिंग करें साथ ही निरन्तर निगरानी रखी जाये। की गई कार्रवाई से आगामी बैठक में अवगत करायें।

मुख्य सचिव जैन ने निर्देशित किया कि कृषि विभाग द्वारा वर्तमान में कार्यरत एक्सटेंशन प्रोग्राम में सर्वाधिक फायर इन्सीडेन्स वाले गॉंवों को आवश्यक रूप से शामिल किया जाये तथा इस बावत् विस्तृत कार्ययोजना जिसमें टारगेट एवं एचीवमेंट की जानकारी (संख्यात्मक रूप में) बनाकर आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि एनकेप अन्तर्गत चिन्हित शहरों के लिये वायु गुणवत्ता की विस्तृत जानकारी बावत् प्रतिष्ठित संस्थान से वैज्ञानिक अध्ययन करायें जिससे मुख्य प्रदूषणकारी कारकों की पहचान कर कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। मुख्य सचिव जैन ने धूल प्रदूषण नियंत्रण के लिये शहरों में निर्माणाधीन स्थलों पर पानी छिड़काव के लिये स्प्रिक्लर एवं ग्रीन नेट इत्यादि की समुचित व्यवस्था की जाये तथा संबंधितों एजेन्सियों के जागरूकता के लिये समय-समय पर कार्यशालाएं भी आयोजित करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव जैन ने कहा कि इन्दौर की तरह शहरों में चिन्हित हाट स्पाट से धूल उडने वाले स्थानों पर नियमित रूप से पानी के छिड़काव के साथ मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों का प्रयोग सुनिश्चित करें। वाहनों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिये तत्काल प्रभाव से पीयूसी नार्मस का पालन कराते हुये प्रथम चरण में पुराने वाहनों (प्रीबीएस एवं बीएस-1) को हटाया जाये तथा द्वितीय चरण में विस्तृत अध्ययन एवं डाटा विश्लेषण पश्चात बीएस-2 वाहनों के लिये यह कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। शहर तथा शहर के बाहर 10 किलोमीटर क्षेत्र एवं प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाईयों द्वारा निर्धारित पर्यावरण संबंधी नियमों का कम्पलाइंस किया जाये, इस बात की सतत् निगरानी की जाये।

मुख्य सचिव जैन ने संचालन समिति की बैठकों का आयोजन निर्धारित समय में करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बैठक मुख्य रूप से शीत ऋतु के पूर्व, शीत ऋतु दौरान एवं शीत ऋतु के बाद अनिवार्य रूप से करें। बैठक में वायु-प्रदूषण नियंत्रण के लिये प्रस्तावित योजनाऍं एवं उनके संबंध में की गई कार्यवाही की समीक्षा की जाये। साथ ही वायु प्रदूषण को कम करने के लिये आगामी योजनओं पर भी गंभीरतापूर्वक चर्चा की जा सके।

 

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