मध्यप्रदेश

पीयूष बने भारत कॉमनवेल्थ ट्रेड काउंसिल के ट्रेड कमिश्नर

भोपाल

अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस (International Tolerance Day) पर भारत कॉमनवेल्थ ट्रेड काउंसिल (Commonwealth Trade Council of India) के ट्रेड कमिश्नर (Trade Commissioner) के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि ट्रेड कमिश्नर के रूप में पीयूष तिवारी की नियुक्ति मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है. ब्रिटेन जैसे देश जिन्होंने कभी भारत पर राज किया था, आज हमारे पीछे खड़े हैं. भारत आज विश्व के अनेक देशों का मार्गदर्शक, सहयोगी और लोकप्रिय मित्र राष्ट्र है. वर्ष 2026 तक भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

इतने देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल

इस कार्यक्रम में कई कॉमनवेल्थ राष्ट्रों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, नामीबिया, यूनाइटेड किंगडम, मलावी, समोआ शामिल हैं. इन देशों के राजदूत और म्यांमार, तुर्की, मोरक्को, अल्जीरिया और युगांडा जैसे देशों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पीयूष तिवारी को ट्रेड कमिश्नर का नियुक्ति पत्र प्रदान किया और इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए प्रदेश के नागरिकों की ओर से बधाई दी.

CM मोहन यादव ने उम्मीद जताते हुए कहा कि पीयूष तिवारी के पद पर नियुक्त होने से कॉमनवेल्थ देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र विश्व सहिष्णुता दिवस के कार्यक्रम में आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने पीयूष तिवारी को दिए गए दायित्व के लिए बधाई दी.
इंवेस्टमेंट के लिए MP है अनुकूल

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ब्रिटेन जैसे देश जिन्होंने कभी भारत पर राज किया था, आज हमारे पीछे खड़े हैं. इसके पीछे भारतीयों की बुद्धिमता, हमारा स्वावलंबन, हमारे संसाधन और PM मोदी का सक्षम नेतृत्व शामिल है. मध्यप्रदेश में विश्व के अनेक राष्ट्रों से व्यापार, वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र में कार्य के प्रस्ताव मिल रहे हैं. मध्यप्रदेश न सिर्फ उद्योग और व्यापार बल्कि संस्कृति, खनिज, विमानन, पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अनुकूल है और इन क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य की संभावनाओं को समेटे हुए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मन के भाव अच्छे हों, नागरिक श्रेष्ठ हों, अपराध न्यूनतम हो तो वह श्रेष्ठ राज्य कहलाता है. वर्ष 2004 तक मध्यप्रदेश में पांच या छह मेडिकल कॉलेज ही थे, वर्तमान में इनकी संख्या 20 हो गई है. पीपीपी मॉडल पर एक वर्ष में 12 नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होंगे.

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