मध्यप्रदेश

CM यादव 9 नवंबर को इंदौर से 1.29 करोड़ बहनों के खातों में डालेंगे 1250 रुपये की किस्त

इंदौर
 मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों को 1250 रुपये की नवंबर माह की किस्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नौ नवंबर को इंदौर से डालेंगे। प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के बैंक खातों में कुल 1574 करोड़ रुपये अंतरित किए जाएंगे।

लाड़ली बहना योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को जून 2023 से अक्टूबर 2024 तक मासिक आर्थिक सहायता राशि की कुल 17 किश्तों का अंतरण किया गया है। इसके अलावा अगस्त 2023 एवं 2024 में (कुल दो बार) लाभार्थी महिलाओं को 250 रुपये की राशि की विशेष आर्थिक सहायता का भी अंतरण की गई है।
अक्टूबर 2023 से 250 रुपये बढ़े थे

योजना के प्रारंभ में पात्र हितग्राहियों को 1000 रुपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान किया गया। अक्टूबर 2023 से मासिक आर्थिक सहायता की राशि में 250 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई और तब से अब तक 1250 रुपये की राशि दी जा रही है।
सबसे बड़ी डीबीटी योजना

वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के तहत लगभग 18 हजार 984 करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है। बता दें कि लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना में शामिल है। योजना के वृहद स्वरूप ने प्रदेश की महिलाओं के समग्र सशक्तीकरण में महती भूमिका निभाई है।

महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई

इस योजना से न केवल महिलाओं ने अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया है बल्कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाएं बैंकिंग प्रणाली से सीधे परिचित हुई हैं। इससे परिवार के निर्णयों में भी उनकी भूमिका बड़ी है और सामाजिक रूप से महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई है।

2023 से संचालित है लाड़ली बहना योजना

प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 का संचालन किया जा रहा है। यह योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार तथा परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के तहत लगभग 18 हजार 984 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
योजना का प्रभाव

लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना में शामिल है। योजना के वृहद स्वरूप ने प्रदेश की महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण में महती भूमिका निभाई है। इस योजना से न केवल महिलाओं ने अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया है बल्कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये महिलाएं बैंकिंग प्रणाली से सीधे परिचित हुई हैं। इससे परिवार के निर्णयों में भी उनकी भूमिका बड़ी है और सामाजिक रूप से महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई है।

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