मध्यप्रदेश

पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की हालत बिगड़ी, ब्रेन में सूजन और आंखों से कम दिखने लगा

भोपाल
 मालेगांव ब्लास्ट मामले में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को वारंट मिला है। एनआईए कोर्ट ने उन्हें 13 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है। पूर्व में भी साध्वी प्रज्ञा कई बार कोर्ट में पेश नहीं हुई हैं। कोर्ट से वारंट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर साध्वी प्रज्ञा ने अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इसमें दिख रही है कि साध्वी प्रज्ञा बीमार हैं।

कोर्ट में रहना जरूरी

कोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही एनआईए कोर्ट ने कहा कि इस केस में आखिरी बहस चल रही है। ऐसे में प्रज्ञा ठाकुर का कोर्ट में मौजूद रहना ज़रूरी है। हालांकि, प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि अगर वो जिंदा रहीं तो कोर्ट जरूर जाएंगी।

वारंट जारी किया

मुंबई की स्पेशल NIA कोर्ट 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आखिरी बहस कर रही है। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का मौजूद रहना बेहद जरूरी है। लेकिन प्रज्ञा ठाकुर कोर्ट नहीं पहुंच रही थीं, जिसके चलते स्पेशल जज एके लाहौती ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया। कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर को 13 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है।

अपनी हाल बताया

इस बीच साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी खराब तबीयत का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस_का_टॉर्चर सिर्फ ATS कस्टडी तक ही नहीं, मेरे जीवन भर के लिए मृत्यु दाई कष्ट का कारण हो गया। ब्रेन में सूजन, आंखों से कम दिखना, कानों से कम सुनना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन. एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है, जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी।

गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें साफ सूजन दिख रहा है। साध्वी प्रज्ञा भोपाल से सांसद रही हैं। अपने बयानों से वह कई बार पार्टी को मुश्किल में डालती रही हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों से भी वह दूर रहती हैं।

मालेगांव विस्फोट में साध्वी को बनाया गया था आरोपी

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव शहर के नासिक शहर में एक मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण के फटने से 6 लोग मारे गए और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम आरोपियों में शामिल था। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बार-बार दावा करती रही हैं कि कस्टडी के दौरान उन पर काफी अत्याचार हुआ। तभी से वो फिजिकली ठीक नहीं रही हैं। इसके लिए वो कांग्रेस की सरकार और एटीएस की प्रताड़ना को जिम्मेदार मानती रही हैं।
NIA कोर्ट ने प्रज्ञा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया

साध्वी प्रज्ञा ने कुछ समय पहले अपनी खराब हेल्थ के चलते 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत में उनकी उपस्थिति से छूट के लिए आवेदन दायर किया था। अदालत ने सिर्फ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उन्हें छूट भी दी थी। हालांकि हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने साध्वी प्रज्ञा को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के सिलसिले में जमानती वारंट जारी किया है।

मामले में आरोपी ठाकुर अदालत की कार्यवाही के लिए उपस्थित नहीं हुईं, जिसके बाद अदालत ने उनकी उपस्थिति की मांग की। वारंट 13 नवंबर तक 'वापस करने योग्य' है, जिसका अर्थ है कि वारंट रद्द करने के लिए ठाकुर को उस तिथि तक अदालत में उपस्थित होना चाहिए।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button