Uttar Pradesh

कस्बों से लेकर गावों तक करीब 70 अस्पताल संचालित हैं, जिनका पंजीकरण नहीं, मरीजों की जान खतरे में

हरख
कस्बों से लेकर गावों तक करीब 70 अस्पताल संचालित हैं, जिनका पंजीकरण नहीं है। बगैर अनुमति चल रहे अस्पतालों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अवैध अस्पतालों की जांच तक नहीं कर रहे हैं। सतरिख में एक स्वास्तिक अस्पताल का पंजीकरण है, जबकि यहां छोटे से लेकर बड़े करीब 15 अस्पताल संचालित हैं। सीएचसी में अक्सर स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों का आवागमन रहता है। कभी अधिकारियों ने इन अवैध अस्पतालों की जांच करना मुनासिब नहीं समझा। जैदपुर नगर पंचायत में अवि सर्जिकल सेंटर और फातिमा दो अस्पतालों का पंजीकरण है। इस नगर पंचायत में लगभग 25 अवैध अस्पताल संचालित हो रहे हैं।

अधिकारी बने हुए हैं अंजान
इसी तरह हरख, भानमऊ, बांग्ला बाजार, इब्राहिमाबाद, लखियापुर, शरीफाबाद, सुलतानपुर सहित कई अन्य गांवों में लगभग 70 ऐसे अस्पताल हैं, जो बगैर स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के चल रहे हैं। इन अस्पतालों में कथित चिकित्सक जुकाम, बुखार से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं। इतना ही नहीं, भवन और दुकानों के सामने बाकायदा अस्पताल के बोर्ड लगे हैं। यह बोर्ड दूर से दिख रहे हैं, फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों की नजरें इस ओर नहीं जा रही हैं।

सतरिख में सीएचसी से करीब चार सौ मीटर दूर बगैर पंजीकरण के चल रहे एक अस्पताल में प्रसव भी कराए जा रहे हैं। इसकी जानकारी कुछ लोगों ने विभाग के अधिकारियों को दी। जांच और कार्यवाही के नाम पर अधिकारियों ने पर्दा डाल रखा है। इसी तरह शरीफाबाद में एक झोलाछाप डिग्रीधारक चिकित्सक बनकर बच्चों का इलाज कर रहा है। यह भी जांच और कार्रवाई से दूर है। हरख ब्लाक में सिर्फ चार अस्पतालों का पंजीकरण है। इसके अलावा अन्य का पंजीकरण नहीं है। अस्पतालों की संख्या कितनी है इसकी जानकारी नहीं है। जहां शिकायत मिलती है टीम भेज कर कार्रवाई कराई जाती है। भानमऊ में शिकायत पर रहमान अस्पताल सीज कराया गया था। अब उसका पंजीकरण हो गया है। डा. नितीश कुमार सिंह, अधीक्षक सीएचसी सतरिख।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button