भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ गई, सांसदों का उन पर भरोसा नहीं रहा
ओटावा
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी ही पार्टी के सांसदों का उन पर भरोसा नहीं रहा है। कनाडा में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के भीतर सांसदों का एक ग्रुप जस्टिन ट्रूडो पर पद छोड़ने के लिए दबाव बना रहा है। सूत्रों के हवाले से बताया है कि टोरंटो और मॉन्ट्रियल में हाल ही में हुए उप-चुनावों में हार के बाद असंतोष चरम पर पहुंच गया है, जिसके कारण असंतुष्ट सांसदों के बीच कई गुप्त बैठकें हुईं। ये सांसद प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो को हटाना चाहते हैं और नेतृत्व में बदलाव के लिए कम-से-कम 20 नेताओं ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसी साल जून महीने में टोरंटो-सेंट पॉल उपचुनाव में ट्रूडो की पार्टी आश्चर्यजनक हार हुई थी, जिसके बाद से ही उनकी पार्टी में जबरदस्त असंतोष पनप रहा है। संसद की वापसी के साथ यह अशांति और बढ़ गई और मॉन्ट्रियल उपचुनाव में हार के बाद और भी बढ़ गई। एशिया में हाल ही में हुए शिखर सम्मेलन में ट्रूडो और उनके चीफ ऑफ स्टाफ कैटी टेलफोर्ड की अनुपस्थिति ने निराश सांसदों को बैठक करने और आगे की रणनीति बनाने का मौका दे दिया। इससे पहले, टोरंटो स्टार के शुक्रवार के एक पुराने आर्टिकल में भी 52 वर्षीय ट्रूडो पर पद छोड़ने के लिए सार्वजनिक रूप से दबाव डालने की कोशिशों के बारे में विस्तार से बताया गया था। अखबार ने बताया कि कम-से-कम 30 से 40 सांसद एक पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं।
ट्रूडो पर दबाव बनाना चाहते हैं लिबरल पार्टी के सांसद
हालांकि, आर्टिकल में बताई गई संख्या से असल आंकड़े कुछ कम हो सकते हैं। ट्रूडो की लिबरल पार्टी के पास कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 सीटें हैं। असहमति जताने वाले नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित इस दस्तावेज को पारंपरिक पत्र के बजाए एक प्रतिज्ञा के रूप में बताया गया है, जिसका उद्देश्य ट्रूडो के इस्तीफे के लिए सांसदों से प्रतिबद्धता हासिल करना है, ताकि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से विरोध होने पर एक बाध्यकारी समझौता बनाया जा सके। दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाले एक सांसद ने सीबीसी को बताया, "यह एक इंश्योरेंस पॉलिसी है। हमें पीएमओ से दबाव बढ़ने से पहले ही कार्रवाई करनी थी।" वहीं, कनाडा की ट्रेड मिनिस्टर मैरी एनजी, जो ट्रूडो के साथ लाओस से कनाडा वापस आ रही हैं, ने कहा कि वह सांसदों की योजना के बारे में पढ़कर निराश हैं, और उन्हें प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है।
निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो ने उगला था जहर
बता दें कि पिछले साल कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरीदप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत को लेकर काफी जहर उगला था। उन्होंने संसद में बोलते हुए इस हत्या का कनेक्शन भारत से कर दिया था। 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गइ्र थी। इसके बाद ट्रूडो ने इस हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाया। हालांकि, इसे तुरंत भारत ने खारिज कर दिया। इसके बाद भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ गए थे। इस साल कनाडा की संसद ने निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर श्रद्धांजलि भी दी थी।