राजनांदगांव : बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं ने होम वोटिंग कर लोकतंत्र में निभाई अपनी सहभागिता…
लोकसभा निर्वाचन 2024
– दिव्यांग अहिल्या ने मतदान दल के घर आने पर जाहिर की खुशी
– मतदान अधिकारियों ने चिन्हांकित मतदाताओं के घर जाकर कराया मतदान
– तेजदास साहू ने कहा दिव्यांगजनों को वोट देना हुआ आसान
– 89 वर्षीय बुजुर्ग सिंदे ने होम वोटिंग की सराहना की
– ज्ञानदास ने होम वोटिंग की सुविधा के लिए किया आभार व्यक्त
– नरेश, जामुल वर्मा एवं त्रिबेनी ने घर पर ही किया मतदान, जाहिर की खुशी
लोकतंत्र के महापर्व में पोस्टल-बैलेट के माध्यम से होम वोटिंग के लिए 85 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वृद्धजन तथा 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के घरों तक मतदान दलों ने दस्तक दी है, जो मतदान केन्द्रों तक जाने में असमर्थ हैं। लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए मतदान अधिकारियों द्वारा शहर से लेकर गांव तक चिन्हांकित बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के घर-घर जाकर होम वोटिंग कराया गया।
होम वोटिंग कराने गये मतदान अधिकारियों को घर के दहलीज में देखकर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के चेहरे पर मुस्कान और उल्लास देखते बनी। दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाताओं ने लोकतंत्र में हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की। इसके लिए मतदाताओं ने भारत निर्वाचन आयोग और मतदान अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी है। जिसके तहत आज पूरे जिले में मतदान अधिकारियों द्वारा चिन्हांकित बुजुर्ग और दिव्यांगजनों का होम वोटिंग कराया गया।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पात्र बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं का लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए होम वोटिंग के माध्यम से मताधिकार के प्रयोग की यह अभूतपूर्व पहल ऐतिहासिक है। जिले के बुजुर्ग एवं दिव्यांगजनों ने होम वोटिंग सुविधा का लाभ लेते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु संयुक्त जिला कार्यालय से होम वोटिंग के लिए सामग्री वितरण कर मतदान दल को रवाना किया गया। जिले में विशेष मतदान दलों द्वारा कड़ी मेहनत करके होम वोटिंग कराया जा रहा है।
राजनांदगांव शहर के लखोली सतनामीपारा निवासी 55 वर्षीय तेजदास साहू ने घर पर मतदान अधिकारियों को देखकर बहुत खुशी जाहिर की। साहू ने बताया कि वे पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी घर पर ही वोट दिया था। साहू ने बताया कि वे दोनों पैर और हाथों से दिव्यांग है।
जिसके कारण मतदान केन्द्र में जाने में समस्या होती थी। वे प्रत्येक निर्वाचन के दौरान आटो या अन्य साधन द्वारा बूथ में जाकर वोट देते थे और लोकतंत्र का हिस्सा बनते थे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की सराहनीय पहल है जिसके कारण दिव्यांगजनों को वोट देने में आसानी हुई है। लखोली सतनामी पारा 27 वर्षीय श्रीमती तरूणा सतनामी बचपन से ही दिव्यांग है।
श्रीमती तरूणा ने भी होम वोटिंग कर अपने मताधिकार का उपयोग किया। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र की ग्राम खैरी निवासी दृष्टिबाधित दिव्यांग अहिल्या वर्मा ने बताया कि पहले मतदान कराने के लिए उनके बड़े भाई ले जाते थे। अहिल्या ने बताया कि मतदान दल घर में आने से बहुत अच्छा लगा। जिससे बिना किसी असुविधा के लोकतंत्र का हिस्सा बनने का मौका मिला। अहिल्या ने भारत निर्वाचन आयोग की इस अनूठी पहल के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
पहले बार होम वोटिंग कर रहे डोंगरगढ़ कालकापारा वार्ड नंबर 10 निवासी जगन्नाथ सिंदे 89 वर्षीय बुजुर्ग है। सिंदे को पहले होम वोटिंग की सुविधा के बारे में मतदान अधिकारियों द्वारा बताया गया। सिंदे ने बताया कि वे रेल्वे से सेवानिवृत्त है। वे हमेशा लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा बनते आ रहे है। पहले वे मतदान केन्द्र में जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते थे। पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी मतदान केन्द्र में जाकर वोट दिया था।
लेकिन इस बार स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के कारण मुझे वोट देने की चिंता थी। लेकिन बीएलओ द्वारा चिन्हांकित करने पर यह लाभ मुझे मिला है। इसके लिए उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को धन्यवाद ज्ञापित किया। करवारी निवासी नरेश कुमार मेश्राम और ज्ञानदास बंजारे ने भी घर पर ही वोट दिया।
ज्ञानदास बंजारे बताया कि 8 वर्ष पहले सड़क दुर्घटना से पैर से दिव्यांग हो गए है। बंजारे ने बताया कि वे हमेशा लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा बनते आए हैं। पहले वे किसी न किसी साधन से मतदान केन्द्र तक पहुंचकर मतदान करते थे।
होम वोटिंग कराने आए मतदान अधिकारियों को घर पर देखकर बहुत खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा की यह सुविधा बहुत अच्छी है। इसके लिए वे भारत निर्वाचन आयोग और मतदान अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। जिसके कारण वे घर पर ही लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पलान्दुर निवासी दिव्यांग श्रीमती जामुल वर्मा और ग्राम छीपा निवासी दिव्यांग श्रीमती त्रिबेनी जांगडे ने घर पर ही मतदान किया। दिव्यांग जामुल वर्मा के परिजनों ने बताया कि जामुल वर्मा चल नहीं पाती है उसे मतदान कराने के लिए मतदान केन्द्र तक लेजाना पड़ता था।
लेकिन यह भारत निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की सुविधा से राहत मिली है। इसी तरह दिव्यांग श्रीमती त्रिबेनी जांगड़े के परिजनों ने बताया कि पिछले विधानसभा निर्वाचन में भी होम वोटिंग की थी। पहले मतदान केन्द्र तक लेकर जाना पड़ता था।
उल्लेखनीय है कि जिले में 85 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वृद्धजन तथा 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले चिन्हांकित कुल 212 मतदाता होम वोटिंग करेंगे। जिले में 85 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के 129 मतदाताओं तथा 83 दिव्यांग मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है।
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