चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है, 9 दिनों तक मां दुर्गा की अलग अलग रूपों की होगी पूजा ********************now7news
इस वर्ष 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त व्रत रखते हैं, और विधि-विधान से माता रानी की पूजा करते हैं। पहले दिन घटस्थापना की जाती है। और अखंड ज्योति जलाई जाती है। वैसे तो नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व होता है, लेकिन आखिरी के तीन दिन सप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। अष्टमी और नवमी पर घर-घर में पूजा, हवन, कन्या पूजन आदि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। वहीं जो लोग नौ दिन का व्रत रखते हैं। वे अष्टमी-नवमी पर इसका पारण करते हैं।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
* कलश स्थापना- सुबह 06.02 – सुबह 10.16 (9 अप्रैल 2024)
* अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.57 – दोपहर 12.48 (9 अप्रैल 2024
चैत्र नवरात्रि 2024 अष्टमी तिथि
नवरात्रि के आठवें दिन महा अष्टमी मनाई जाती है और मां महागौरी की पूजा होती है। इस बार चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि 15 अप्रैल 2024 को दोपहर 12.11 मिनट से शुरू होगी और 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 पर समाप्त होगी। ऐसे में चैत्र नवरात्रि में महाष्टमी 16 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी।
चैत्र नवरात्रि 2024 नवमी तिथि
चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01.23 से शुरू होकर 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 तक रहेगी। ऐसे में नवरात्रि की महानवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन देवी की नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ ही इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण भी किया जाता है। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी _नवमी का महत्व
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि महत्वपूर्ण माना जाती है। अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन, हवन और व्रत का पारण किया जाता है। कहा जाता है कि यदि कोई नवरात्रि के नौ दिन व्रत और पूजा न कर पाए तो अष्टमी-नवमी पर पूजा करके माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।