पश्चिम बंगाल ममता सरकार में मंत्री के बिगड़े बोल, कोलकाता के प्रदर्शन में महिलाओं ने पी थी शराब
कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता स्वप्न देबनाथ ने यह कहकर नया विवाद छेड़ दिया कि परिजनों को देखना चाहिए कि ‘रिक्लेम द नाइट’ आंदोलन के दौरान उनकी बेटियां क्या कर रही हैं। देबनाथ ने आंदोलन के दौरान एक प्रदर्शनकारी के पुरुषों के साथ शराब पीने की कथित घटना का हवाला देते हुए यह बयान दिया। पशु संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है लेकिन महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी की है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि मंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी से दूरी बना ली है।
एक कथित वीडियो में देबनाथ बुधवार को पूर्व बर्धमान जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए दिखाई दिये, जिसमें उन्होंने हाल में उनके विधानसभा क्षेत्र पूर्वस्थली में ‘रिक्लेम द नाइट’ आंदोलन के दौरान एक महिला और दो पुरुषों को एक होटल में कथित तौर पर बीयर पीते हुए देखने का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'क्या होता अगर महिला के साथ कुछ अनहोनी हो जाती? हमारे लोग उस समय निगरानी कर रहे थे। लेकिन अगर वे आसपास नहीं होते तो? माता-पिता के लिए मेरी सलाह, आपकी बेटी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गई। ठीक है। लेकिन बाद में, वह शराब पीती हुई देखी गई। हमने आपको (माता-पिता को) उसे घर ले जाने के लिए सूचित किया, हमने पुलिस से भी उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।'
देबनाथ ने कहा कि उन्होंने अपने इलाके के होटल मालिकों से अनुरोध किया है कि वे मध्यरात्रि के बाद महिलाओं को शराब न बेचें। उन्होंने माता-पिता से अधिक सतर्कता बरतने का आग्रह करते हुए कहा, 'आपकी बेटी अन्य महिलाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने गई थी। लेकिन मध्यरात्रि के बाद वह बाहर क्या कर रही है, इस पर नजर जरूर रखें।' उन्होंने कहा, 'किसी भी अप्रिय घटना के लिए राज्य को जवाबदेह होना पड़ेगा। हम निश्चित रूप से महिलाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन जो लोग बाहर हैं, उनकी भी जिम्मेदारी है।'
देबनाथ की टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बादल टीएमसी के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा, 'हम किसी भी व्यक्ति के व्यवहार को निर्देशित नहीं कर सकते, चाहे वह पुरुष हो या महिला। उसे शराब पीनी चाहिए या नहीं या वह कहां जाएगी।' घोष ने कहा, 'लेकिन स्वप्न देबनाथ की टिप्पणी में एक महिला की सुरक्षा के लिए चिंता की बाद को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।'