मध्यप्रदेश

अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के लिए स्व-रोजगार के नए अवसर

भोपाल

मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास है कि समाज के सभी वर्गों को रोजगार के समान अवसर उपलब्ध और सबके लिए तरक्की के रास्ते खुले हों। आगे बढ़ने के लिए कमजोर वर्गों को सहायता और अवसर उपलब्ध कराने पर राज्य सरकार का विशेष जोर है।

अनुसूचित जाति वर्ग का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। अनुसूचित वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण रोजगार योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना एवं सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना संचालित हैं।

अनुसूचित जाति वर्ग के लिये संचालित विभिन्न योजनाओं में हितग्राही युवाओं को स्व-रोजगार स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाता है। संत रविदास स्व-रोजगार योजना के अंतर्गत विनिर्माण की उद्योग इकाई की राशि 1 लाख से 50 लाख रुपए की परियोजनाओं के लिए हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित/शेष ऋण पर 5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान अधिकतम 07 वर्षों तक दिया जाता है।

डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना में 10 हजार से 1 लाख रुपए तक के नए स्व-रोजगारों की स्थापना के लिए हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित/शेष ऋण पर 7% प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान अधिकतम 05 वर्षो तक दिया जाता है। सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना में अनुसूचित जाति वर्ग की 5 से 10 महिलाओं के समूह को प्रति हितग्राही राशि 2 लाख रुपए तक की ऋण सहायता एवं अनुदान के रूप में राशि 10 हजार रुपए दी जाती है।

म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित द्वारा विगत तीन माह में इस वर्ष संत रविदास स्व-रोजगार योजना में 495, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना में 775, सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना में 276 प्रकरणों में राशि स्वीकृत की जा चुकी है। इन योजनाओं में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिये सतत् कार्यवाही की जा रही है।

 

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