मध्यप्रदेश

राहुल लोढ़ा के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा, भोपाल में ज्वाइनिंग से पहले बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया

भोपाल

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आईपीएस अधिकारी राहुल कुमार लोढ़ा को राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के अधीक्षक के रूप में अपनी नई पोस्टिंग देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि लोढ़ा को मंगलवार रात को रतलाम पुलिस अधीक्षक के पद से हटाया गया था.

इससे पहले उन्होंने शनिवार को रतलाम जिले के मोचीपुर इलाके में गणेश जुलूस पर कथित पथराव के बारे में दक्षिणपंथी संगठनों की शिकायत की तथ्यों की जांच की थी. बजरंग दल के कार्यकर्त्ता जीआरपी कार्यालय में इकट्ठा हुए थे. उन्हें पता चला था कि लोढ़ा GRP अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालेंगे, लेकिन वे नहीं आए.

आईपीएस अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग
इससे पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सुंदर कांड का पाठ भी किया. बजरंग दल नेता दिनेश यादव ने आरोप लगाया कि आईपीएस अधिकारी राहुल कुमार लोढ़ा ने सरकार को हमले के बारे में गलत जानकारी दी और एकतरफा कार्रवाई की. जिसकी वजह से उन्हें रतलाम से हटाकर भोपाल स्थानांतरित करते हुए उनकी पोस्टिंग राजकीय रेलवे पुलिस अधीक्षक के रूप में कर दी. लोढ़ा को शुक्रवार को अपना कार्यभार संभावना था. इसलिए हम विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि अगर आईपीएस अधिकारी का रवैया नहीं बदला तो बजरंग दल उनके खिलाफ विरोध जारी रखेगा, चाहे वह कहीं भी कार्यभार संभालने जाएं. बजरंग दल नेता दिनेश यादव ने आईपीएस अधिकारी राहुल कुमार लोढ़ा को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है.

क्या था पूरा मामला
बता दें कि 7 सितंबर को रतलाम में गणेश मूर्ति जूलूस पर पत्थरबाजी की अफवाह के बाद सांप्रदायित तनाव की स्थिति बनी थी. गुस्साएं लोगों ने पत्थरबाजी की थी. सांप्रदायिक तनाव की संभावना को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई. 7 सितंबर की रात को करीब 500 लोगों ने भीड़ ने थाने का घेराव किया और गणपति जूलूस पर पत्थर फेंकने वालों पर कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने जांच शुरू की तो कहां गया कि किसी ने पत्थर नहीं फेंका. जिसको लेकर पथराव शुरू हो गया.

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. जिसपर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा कि घटना के दौरान कोई मूर्ति नहीं तोड़ी गई. सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है. लोगों को सोशल मीडिया पोस्ट को देखकर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए. जिसके बाद लोगों ने आईपीएस लोढ़ा पर सरकार को हमले की गलत जानकारी देने का आरोप लगाया. वहीं शासन ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ विरोध को देखते हुए उनको रतलाम पुलिस अधीक्षक के पद से हटाकर भोपाल जीआरपी एसपी के पद पर भेजने का आदेश दिया गया.

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