मध्यप्रदेश

वाहनों से टोल टैक्स लेने का ग्राम पंचायत को अधिकार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

जबलपुर
ग्राम पंचायत द्वारा मोटर वाहन से टोल टैक्स वसूले जाने को अवैध करार देते हुए जाचं के आदेश को खारिज करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि मोटर द्वारा संचालित सभी वाहन मोटर वाहन की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं। ग्राम पंचायत के पास मोटर वाहन पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है।

सिहोरा तहसील की हरगढ ग्राम पंचातय की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि अनुविभागीय अधिकारी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहोरा को हरगढ़ क्षेत्र में अवैध टोल टैक्स वसूली के संबंध में पत्र लिखाकर जांच कराने का अनुरोध किया गया है। मुख्य कार्यपालन ने ग्राम पंचायत सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 77-ए(2) के अंतर्गत ग्राम पंचायत को वाणिज्यिक कर लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश भी जारी किए थे। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि मप्र की धारा 77-ए(2) के अंतर्गत अनुसूची-2 के प्रावधान के अनुसार कर लगाया गया है। पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है और पंचायत द्वारा कोई अवैध टोल या कर एकत्र नहीं किया गया है। इसके अलावा सीईओ ग्राम सभा के प्रस्ताव के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है।

सरकार की तरफ से याचिका पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा गया कि याचिका दायर करने के लिए सरपंच को अधिकृत करने ग्राम पंचायत में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है। प्रस्ताव में पंच के नाम और उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। सीईओ ने धारा 85 के तहत पंचायत द्वारा जारी किसी भी आदेश, लाइसेंस और दी गई अनुमति के निष्पादन को निलंबित करने का अधिकार है।

एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेष में कहा है कि धारा 77 उपधारा (2) के तहत अधिनियमित अनुसूची-2 के अनुसार कर केवल मोटर वाहनों के अलावा अन्य वाहनों पर लगाया जा सकता है। मोटर वाहन की परिभाषा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2 में वह सभी वाहन शामिल हैं, जो यांत्रिक रूप से संचालित हैं या सड़कों पर उपयोग के लिए अनुकूलित हैं। मोटर वाहन पर प्रवेश कर ग्राम पंचायत द्वारा नहीं लगाया जा सकता। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेष जारी नहीं किये जाने पर जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।  

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button