छत्तीसगढ़

महिला की बिगड़ी तबीयत तो ग्रामीणों ने खाट में लादकर कराया नाला पार

 बीजापुर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के लोग आज भी  बुनियादी सुविधाओं के पूरा होने की राह देख रहे हैं। बारिश के मौसम में तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के अंदरूनी गांव मारुड़बाका में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां मारुड़बाका गांव में एक 37 साल की महिला जोगी पोडियामी ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया, जिससे उसे उल्टी, दस्त होने लगी। महिला की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उसे तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत थी।महिला की जान बचाने के लिए उसके पति कोसा पोडियामी ने गांव के लोगों से मदद की गुहार लगाई।

गांव के युवाओं ने जोखिम उठाते हुए उफनती नदी को पार किया और महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने रस्सी की सहायता से महिला को खाट में लादकर नाला पार कराया। इसके बाद, लगभग 20-22 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर महिला को गलगम तक लाया गया। यहां से उसे 108 एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया।

हालांकि जिला अस्पताल में महिला का इलाज जारी है। उसूर के चिकित्सक ने बताया कि मारुड़बाका एक संवेदनशील और अंदरूनी गांव है, जहां तक एंबुलेंस का पहुंचना मुश्किल होता है। महिला ने विषाक्त पदार्थ का सेवन किया था, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गई और उसे बीजापुर रेफर किया गया।

बारिश के मौसम में इलाज के लिए जूझते हैं यहां के लोग
जिले में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक प्रमुख समस्या बनी हुई है। बारिश के दौरान कई क्षेत्रों में ऐसी ही स्थितियां उत्पन्न होती हैं, और आदिवासी समुदाय को इलाज के लिए जूझना पड़ता है। बीते 26 अगस्त को भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। यहां कमकानार की गर्भवती महिला को खाट से नदी पार कराया गया था, और 22 जुलाई को उसूर के नंबी इलाके में सीआरपीएफ जवानों ने ड्रम की मदद से प्रसव के बाद महिला को नदी पार कराया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button