रतलाम / अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के बाद कोरोना ने अब झोपड़ियों और उन ठिकानों का रुख किया है, जहाँ झाड़फूंक, टोना-टोटका और अंधविश्वास के सहारे कई लोगों का इलाज किया जाता था। किसी को जादू टोना से तो किसी को धर्म-कर्म के जरिये स्वस्थ करने का दावा करने वाले ‘बाबा’ के गले में भी कोरोना ने अपना शिकंजा कंस दिया है। अलग – अलग तरीकों से कई ला इलाज बिमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले एक बाबा जी कोरोना संक्रमण के चलते चल बसे है।
हफ्ते भर से वो बीमार थे उनके कोरोना संक्रमण से मौत की खबर के बाद उनके दरबार में हाजरी लगाने वाले कई भक्त और मरीजों की सांसे फूली हुई है। हालाँकि बाबा जी की चरण वंदना करने वाले 29 भक्त कोरोना पॉजिटिव मिले है। इनके संपर्क में आये कई लोग भी संक्रमण के दायरे में बताये जा रहे है। उन्हें क्वारेंटाइन कर उनकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के रतलाम में एक संक्रमित बाबा के कोरोना प्रसाद के चलते कई लोगों की जान जोखिम में है। बाबा ने अपने 29 नियमित भक्तों को मुफ्त में कोरोना बांट दिया और खुद स्वर्गवासी हो गए। बाबा की कोरोना संक्रमण से हुई मौत कई लोगों के लिए हैरत करने वाली है। प्रशासन ने बाबा के संपर्क में आये तमाम लोगों को तलाश कर उन्हें क्वारनटीन करने के निर्देश दिए है। बाबा के पहले जत्थे में शामिल 29 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
रतलाम के नयापुरा इलाके में बाबा जी का ठिकाना बताया जा रहा है। यही से वो झाड़फूंक, जादू टोना और ताबीज देकर लोगों का इलाज करते थे। बताया जाता है कि बड़ी संख्या में लोग यहाँ आया करते थे। बाबा जी के इलाज का तरीका भी नायाब था। वे मरीजों का हाथ चूम कर मंत्र पढ़ते थे। इसके बाद मरीज का इलाज शुरू होता था। बाबा जी के ठिकाने पर सुबह से लेकर रात तक परेशान लोगों का ताँता लगा रहता था। अब उनका नयापुरा ठिकाना रतलाम शहर में कोरोना हॉटस्पॉट बन गया है।