कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने 20 अप्रैल बुधवार को अपने निवास कार्यालय में तमिलनाडु से आए कृषक प्रतिनिधि मण्डल से छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी की स्थिति और किसानों के हित में संचालित योजनाओ के बारे में विस्तार से चर्चा की। मंत्री चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने बीते तीन वर्षों में खेती-किसानी को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने के लिए कई नवाचार किए हैं। यहां कई अभिनव योजनाएं शुरू की गई हैं। किसानों को फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए उन्हें मदद पहुंचाने के मामले छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। यहां के किसानों को धान और गन्ना की सर्वाधिक कीमत मिल रही है।
कृषि मंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीणों और किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7 हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जा रही है, जो कि पीएम सम्मान निधि के तहत मिलने वाली राशि से ज्यादा है। तमिलनाडु में भू-जल स्तर की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए कृषि मंत्री चौबे ने प्रतिनिधिमंडल को छत्तीसगढ़ सरकार के नरवा विकास कार्यक्रम को वहां अपनाए जाने का सुझाव दिया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को देखने और समझने के लिए तमिलनाडु राज्य के कावेरी नदी किसान संरक्षण समिति का प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ आया था। प्रतिनिधि मण्डल राज्य के विभिन्न अंचलों में खेती-किसानी की स्थिति को देखने के बाद 20 अप्रैल को कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे के रायपुर स्थित निवास कार्यालय पहुंचकर उनसे सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे को तमिलनाडु का प्रसिद्ध ब्लैक राईस और ऑर्गेनिक गुड़ भेंट किया।
कृषि विभाग के सचिव एवं गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने तमिलनाडु राज्य में कृषि की स्थिति और छत्तीसगढ़ में किसानों की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। किसान प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सुन्दर विमल नाथन ने बताया कि उनके दल ने तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों के किसान प्रतिनिधि शामिल हैं, जो मुख्यतः धान और गन्ना की खेती प्रमुखता से करते हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में गन्ना उत्पादक किसानों को तमिलनाडु राज्य की तुलना में ज्यादा मूल्य मिल रहा है।
नाथन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को मिल रहे अधिक लाभ को जानने और समझने के उद्देश्य से उनका दल छत्तीसगढ़ के दौरे पर आया है। नाथन ने कृषि मंत्री से छत्तीसगढ़ में नेचुरल फॉर्मिंग का राष्ट्रीय कॉन्क्लेव आयोजित किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने खेती-किसानी में भू-जल के उपयोग को लेकर भी किसानों को जागरूक किए जाने की बात कही।
तमिलनाडु के किसान प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रायपुर के अभनपुर विकासखण्ड स्थित आदर्श गौठान नवागांव (ल), छेरीखेड़ी स्थित मल्टी एक्टिविटी सेंटर में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित आयमूलक गतिविधियों का मुआयना किया। प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के कवर्धा जिले का दौरा कर वहां किसानों द्वारा की जा रही गन्ना की खेती और भोरमदेव शक्कर कारखाना का भी अवलोकन किया।