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एक्सपोर्ट से मुनाफा कमा रहीं सांकरा ग्राम संगठन की दीदी, 34 लाख रुपए का गुलाल इटली भेजा, डेढ़ लाख रुपए लाभांश कमाया

 

ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी अर्थव्यवस्था से जोड़ने का मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल का संकल्प न केवल प्रदेश स्तर पर सफल हुआ है अपितु इसका विस्तार वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है। इसका उदाहरण सांकरा की ग्राम संगठन की सदस्य हैं। यहाँ की दीदियों ने आज 34 लाख रुपए के गुलाल का कंसाइनमेंट इटली में एक्सपोर्ट किया। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने हरी झंडी दिखाकर इस कंसाइनमेंट को रवाना किया। मुख्यमंत्री ने अच्छे कार्य के लिए ग्राम संगठन की महिलाओं को शाबासी दी। इस कंसाइनमेंट से लगभग डेढ़ लाख रुपए का लाभांश स्व सहायता समूह की 58 महिलाओं को मिला है उल्लेखनीय है कि उन्हें हर दिन 200 रुपये मानदेय मिल रहा है। इसके अलावा उन्हें गुलाल के पैकेट तैयार करने पर प्रति पैकेट 70 पैसे का लाभांश दिया जा रहा है। आज इटली के लिए लगभग एक लाख 80 हजार पैकेट गुलाल भेजे गए। सांकरा में हो रहे कार्यों के संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ  अश्वनी देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशानुरूप आजीविकामूलक गतिविधियों को अधिकाधिक बढ़ावा देने के लिए अनेक नवाचारी कार्य ग्रामीण क्षेत्र के गौठान में आरंभ किए गए हैं। 

इसके लिए कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देशानुसार एक नवाचार फूलों के माध्यम से गुलाल बनाने का भी है। जिले के मंदिरों में आने वाले फूलों को इकट्ठा कर इनसे गुलाल बनाने का कार्य किया जाता है। सांकरा में इसकी मेजर यूनिट है। इसके साथ ही नंदोरी, सेलूद कोनारी, मोहलाई आदि में भी एसएसजी की महिलाएं यह कार्य कर रही है।

विदेशों में यूरोपियन यूनियन एक्सपोर्ट का प्रमुख केंद्र, देश में दिल्ली एवं बेंगलुरु में प्रमुख आपूर्ति – उल्लेखनीय है कि सांकरा की ग्राम संगठन की महिलाओं द्वारा उत्पादित गुलाल का एक्सपोर्ट इटली के अलावा यूरोपियन यूनियन के अन्य देशों में भी होना है। देश में सबसे ज्यादा मांग दिल्ली और बेंगलुरु से है जिसकी आपूर्ति की जा रही है।

गुलाल और अष्टगंध पर हो रहा प्रमुख कार्य- भविष्य में भी ग्राम संगठन की महिलाओं का लाभांश तेजी से बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि दुनिया भर में भारतीय समुदाय में अष्टगंध और गुलाल की मांग बहुत अधिक है। इस्कॉन के केंद्रों में इसकी प्रमुख रूप से मांग होती है। इसके अलावा त्योहारों के मौके पर भी भारतीय कम्युनिटी द्वारा दुनियाभर में गुलाल एवं अष्टगंध का उपयोग किया जाता है।

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