अनेक गुणों से भरपूर लौकी भारतीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध होती है। भारतीय व्यंजनों में लौकी का खूब इस्तेमाल किया जाता है। हजारों सालों से लौकी के रस का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसमें संतृप्त वसा व कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है। जिंक, फाइबर, लोहा यानि आयरन, विटामिन-सी, मैग्नीशियम व मैंगनीज की मात्रा ज्यादा होने से लौकी कई प्रकार की बीमारियों से बचाव में लाभप्रद है।
लौकी हमारे शरीर में विटामिन-बी, विटामिन-सी, आयरन और सोडियम की कमी को पूरा करने में मदद करती है। लौकी का जूस काफी लाभदायक है। यह फास्फोरस, फाइबर, पोटेशियम, आयरन, सोडियम और विटामिन का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें कैलोरी फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है। लौकी अपने औषधीय गुणों के कारण दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है। हृदय की समस्याओं के निदान में भी इसका उपयोग होता है। इसके नियमित उपयोग से बाईपास सर्जरी से भी बचा जा सकता है।
लौकी के कई तरह के व्यंजन बनाएं जा सकते हैं, जैसे लौकी का हलवा, लौकी की खीर, लौकी की सब्जी, लौकी का जूस, लौकी के पकौड़े आदि। लौकी की सबसे अच्छी बात यह है कि यह बेहद आसानी से मिल जाती है। सब्जी के रूप में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि लौकी में विटामिन-ए और विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह पित्त व कफ़ दोषों में उपयोगी है। इससे न केवल शरीर के कई पोषक तत्वों की ज़रूरत पूरी होती है, बल्कि हमारा शरीर बहुत सारी बीमारियों से सुरक्षित भी रहता है। लौकी के इन्हीं गुणों के कारण कई बीमारियों में इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
लौकी शीतल व पौष्टिक होती है। यह एक बेहद फ़ायदेमंद सब्ज़ी है और हर मौसम में शरीर को फ़ायदा पहुंचाती है। इसमें डायटरी फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जबकि फैट और कोलेस्ट्रॉल बहुत ही कम मात्रा में होता है। लौकी में भरपूर मात्रा में थायमिन, राइबोफ्लेविन, मिनरल्स, फास्फोरस और सोडियम पाया जाता है, जो स्वस्थ रहने में मदद करता है। लौकी को छिलके सहित खाना अधिक लाभदायक होता है।
लौकी का सेवन शरीर को तरोताजा बनाए रखने का काम करता है। लौकी में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज और बवासीर की समस्या को दूर करने में मददगार है। यह शरीर के दर्द और सूजन से राहत दिलाने का काम करता है। कुछ शोधों से यह भी पता चला हैं कि लौकी का रस अनिद्रा और मिर्गी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। खाली पेट एक गिलास लौकी का जूस पीने से ताजगी और ऊर्जा मिलती है। इसके जूस में 98 प्रतिशत पानी और एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकाल देते हैं। इसे पीने से शरीर को ठंडक भी मिलती है।
यदि आप तनाव में रहते हैं और नींद भी ठीक से नहीं आती है, तो लौकी का जूस इसके लिए फायदेमंद है। लौकी यदि कड़वी है तो उसका सेवन नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को जुकाम या नजले की समस्या हो वे लौकी का रस सर्दियों में ना पियें। पीना ही चाहें तो सोंठ और काली मिर्च डालकर पिएं। शुरुआत में लौकी का जूस पीने से कब्ज और पेट खराब होने जैसी समस्या हो सकती है क्योंकि लौकी का जूस पेट से विकारों को बाहर निकालता है। इस तरह के कोई लक्षण हो तो घबराएँ नहीं। कुछ समय के बाद यह लक्षण अपने आप ठीक हो जायेगें। लौकी का औषधि के रूप में उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ के परामर्श से ही करना चाहिए।