छत्तीसगढ़

नर्स कर रही थी छोटे बच्चों की सौदेबाजी, अब मोबाइल बंद करके हुई फरार, तलाश में जुटी पुलिस

 रायपुर – निसंतान दंपत्ति को 4 लाख में बच्चा बेचने के लिए फोन पर सौदेबाजी करने वाली नर्स गायब है। उसका मोबाइल बंद है। मकान में भी ताला लगा है। कोतवाली सीएसपी की टीम नर्स की तलाश कर रही है। पुलिस को नर्स के मोबाइल के कॉल डिटेल में रायपुर के अलावा बिहार, यूपी, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों के नंबर मिले हैं।

इससे पुलिस का शक गहरा गया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार उसका नेटवर्क आधा दर्जन राज्यों तक फैला है। नर्स से पूछताछ के बाद बच्चा बेचने वाले बड़े रैकेट के खुलासे के संकेत हैं। पुलिस अफसरों के अनुसार डाक्टरों और अस्पताल प्रबंधकों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। पुलिस ने फिलहाल सभी को जांच के घेरे में रखा है। इनमें कुछ आईवीएफ और सरोगेसी कराने वाले अस्पताल शामिल हैं। उन अस्पतालों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी जाएगी। सीएसपी कोतवाली अविनाश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने एसएसपी के निर्देश पर जांच शुरू कर दी है। जांच के लिए एक दर्जन बिंदु तय किए गए हैं।

उसके आधार पर जांच की जा रही है। नर्स का कॉल डिटेल निकाला गया है। उसमें कई संदिग्ध नंबर मिले है। खरीद-फरोख्त के खुलासे के बाद से नर्स मोबाइल बंद करके गायब हो गई है। उसके मकान में ताला लगा हुआ है। नर्स की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। नर्स मूलत: एमपी की रहने वाली है। चंगोराभाठा इलाके में किराए पर रहती है। पुलिस उस अस्पताल तक पहुंच गई है, जहां नर्स काम करती है।

रैकेट की तलाश कर रही पुलिस

पुलिस के अनुसार बच्चा खरीद-फरोख्त में नर्स अकेले नहीं है। नर्स के संपर्क में कई अस्पताल के अधिकारी भी हैं। जहां आईवीएफ कराया जा रहा है। प्रतिबंध के बाद भी कई अस्पतालों में चोरी छिपे सरोगेसी का धंधा चल रहा है। अस्पताल वाले मोटी रकम लेकर सरोगेसी मदर तक उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए 7-8 लाख रुपए लिया जा रहा है। पैसों का लालच देकर अनमैरिड युवतियों का गर्भ किराए पर लिया जा रहा है। हालांकि उन्हें इस काम के लिए सिर्फ डेढ़-दो लाख ही मिल रहे हैं। बाकी अस्पताल वाले के खाते में जा रहे हैं।

तंगी का फायदा उठाकर सौदा

कुछ साल पहले टिकरापारा इलाके में पुलिस ने महिला डॉक्टर, नर्स और एक कंपाउडर को गिरफ्तार किया था। जहां अनमैरिड युवतियों से बच्चा लेकर बेचा जाता था। उस दौरान पता चला था कि कुछ बड़े अधिकारियों ने भी मोटी रकम देकर बच्चा खरीदा है। पुलिस उसे अधिकारी तक पहुंच भी गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की। पुलिस के अनुसार आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर गिरोह बच्चे का सौदा करते हैं। कई महिलाओं के 3 से ज्यादा बच्चे है, जो उनका ठीक से पालन-पोषण नहीं कर पा रहे हैं।

 

उन्हें अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, गिरोहबाज ऐसी महिलाओं से गिरोह संपर्क करते है। उन्हें पैसे का लालच देकर बच्चा लेते हैं। उन बच्चों को मोटी कीमत पर बेचा जाता है। इसके एवज में महिलाओं ओ 50 हजार से 1 लाख ही दिए जाते हैं। बाकी रकम गिरोह के सदस्य खुद रख लेते है।

 

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