मध्यप्रदेश

प्रदेश के 3 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर, भोपाल-इंदौर में जूडा का प्रदर्शन, अस्पतालों में मरीज बेहाल, परिजन परेशान

भोपाल
 मध्य प्रदेश में 16 अगस्त यानि शुक्रवार से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि गुरुवार रात 12 बजे से प्रदेश के 3 हजार डॉक्टर्स हड़ताल पर जाने वाले हैं। ये बंगाल में हुई दरिंदगी और हिंसा के खिलाफ डॉक्टर्स की क्रांति है। जूडा के प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि कोलकाता में 8 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसके विरोध में देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। हमने हमीदिया अस्पताल में काली पट्टी बांधकर काम किया। वहीं एम्स में भी डॉक्टर्स विरोध जता चुके हैं। अब शुक्रवार से हम हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं।

इस मामले में गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉक्टर कविता एन सिंह ने बताया कि सभी डॉक्टर्स की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। जूनियर डॉक्टर से भी बातचीत जारी है। डीन ने मेडिकल शिक्षकों को विभागों में तैनात करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और वार्डों में भी हालात सामान्य रखने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर मेडिकल इंटर्न को भी तैनात किया जा सकता है। डीन ने सभी डिपार्टमेंट के प्रोफेसरों से आदेश पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट साझा करने को कहा है।

भोपाल के जीएमसी में छुटि्टयां रद्द

भोपाल में हड़ताल से निपटने गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की डीन डॉ. कविता एन सिंह ने सभी डॉक्टर्स की छुटि्टयां निरस्त कर दी हैं। 24 घंटे ड्यूटी पर रहने के आदेश भी जारी किए हैं। साथ ही मेडिकल टीचर्स को इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, वार्ड में तैनात करने के निर्देश सभी डिपार्टमेंट के प्रमुखों को दिए गए हैं।

जरूरत पड़ने पर मेडिकल इंटर्न को भी तैनात करने के लिए कहा गया है। सभी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स से इस पर अमल की रिपोर्ट भी मांगी है।

प्रदेशव्यापी होगी हड़ताल
सिर्फ गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हमीदिया अस्पताल में प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीजों ओपीडी में आते हैं। ऐसे में यहां के 250 से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों काम बंद करने से भारी समस्या हो पैदा हो सकती है। यह हड़ताल प्रदेशव्यापी होने वाली है। जिससे हजारों की संख्या में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
जूडा प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता कहा कि कोलकाता की घटना से साबित हो चुका है कि डॉक्टर्स सुरक्षित नहीं हैं। हम सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमनें डीन को हड़ताल संबंधी पत्र भी दिया है। हमीदिया अस्पताल के 250 से अधिक जूनियर डॉक्टर्स गुरुवार रात से हड़ताल पर हैं। हम सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं देंगे। रुटीन और ओपीडी में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल रहेगी।.

इसलिए तेज हुआ विरोध प्रदर्शन

दरअसल, कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में 12 अगस्त से ही एमपी में जूनियर डॉक्टर सांकेतिक रूप से प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं एम्स भोपाल में जूनियर डाक्टरों ने काम बंद कर दिया था, लेकिन गुरुवार सुबह डायरेक्टर अजय सिंह के समझाइश के बाद काम पर लौटने का आश्वासन दिया था. लेकिन कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में फिर से हुई हिंसा के बाद डॉक्टर आक्रेाशित हो गए. उन्होंने गुरुवार रात 12 बजे से काम बंद हड़ताल करने का समर्थन किया. इसका असर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा और अन्य स्थानों पर मौजूद मेडिकल कॉलेजों में होगा.

एम्स व हमीदिया में डाक्टरों की छुट्टी निरस्त

जूनियर और रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए एम्स भोपाल और हमीदिया अस्पताल में डाक्टरों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है. जिससे ओपीडी में आने वाले मरीजों को इलाज मिल सके. वहीं, गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. कविता सिंह ने डाक्टरों को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने का आदेश जारी किया है. साथ ही मेडिकल फैकल्टी को इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, वार्ड और लैब में अपनी सेवाएं देने को कहा है. यही हाल भोपाल एम्स का भी है. बता दें कि जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण छोटे ऑपरेशन टालने पड़ रहे हैं.

इसलिए तेज हुआ विरोध
डॉ. गुप्ता ने कहा कि कल रात बंगाल में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों के साथ हुई हिंसा से हम व्यथित हैं। अब हमारा आंदोलन और तीव्र हो गया है। उक्त घटना के साथ पूर्ण संवेदना जाहिर करते हुए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है। मध्य प्रदेश शासन/प्रशासन द्वारा समय रहते उचित निर्णय न लेने पर या आंदोलन और उग्र हो सकता है।

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने किया काम बंद

गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता कुलदीप गुता ने बताया कि "कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के मामले में पूरे देश के डॉक्टर आक्रोशित हैं. गुरुवार को फिर उसी कॉलेज में भीड़ द्वारा किए गए हमले ने इस विरोध को और उग्र कर दिया है. गांधी मेडिकल कॉलेज में करीब 250 जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है, जो ओपीडी, इलेक्टिव ओटी, वार्ड ड्यूटी और लैब में काम कर रहे थे."
पीड़ित को न्याय और डाक्टरों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट की मांग

वहीं, इस मामले नेशनल फेडरेशन ऑफ आल इंडिया एसोसिएशन ऑफ एम्स और रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन एम्स भोपाल के प्रेसीडेंट डॉ. दिव्य भूषण ने बताया कि "देशभर में मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. केंद्र व राज्य सरकारों से हमारी मांग है कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाए. साथ ही सरकार सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट डाक्टर्स एंड हेल्थ वर्कर के लिए लागू करें." जब तक हमें मंत्रालय से ठोस आश्वासन या लिखित आदेश नहीं मिलता, तब तक हम शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे.

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