सूर्य ग्रहण के चलते मंगलवार को उत्तराखंड के चारों धाम बंद कर दिए गए हैं. अब सभी धामों के कपाट शाम को ग्रहण काल समाप्त होने के बाद ही खुलेंगे. मंदिर खुलने से पहले साफ सफाई की जाएगी और उसके बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे. सूर्य ग्रहण के दौरान श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति नहीं होगी. बता दें कि 19 नवंबर को बद्रीनाथ 27 अक्टूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो रहे हैं. 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे.
वहीं ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा इस बार दिवाली के अगले दिन यानि 25 अक्टूबर को नहीं होगी. ये 26 अक्टूबर को होगी और भैया दूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस साल का दीपोत्सव पांच दिन की जगह 6 दिन का होगा. ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो गया है. ग्रहण को भारत समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है.
सूर्य ग्रहण के सूतक काल के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं. गंगोत्री धाम में सुबह 7 बजे गंगा आरती के बाद कपाट सूतक काल के चलते गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष और अन्य तीर्थ पुरोहितों ने बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा यमुनोत्री धाम के कपाट भी सूतक काल के चलते बंद किए गए. उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर और अन्य मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को शाम 5 बजकर 32 मिनट पर खत्म हो जाएगा. बता दें कि साल 2022 का ये अंतिम सूर्य ग्रहण है. यह देश के दिल्ली, बेंगलूरु, उज्जैन, कोलकाता, वाराणसी, मथुरा समेत कई शहरों में दिखाई देगा. इसी के साथ यह सूर्य ग्रहण यूरोप, एशिया और उत्तरी-पूर्वी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. आज के सूर्य ग्रहण का सूतक काल सुबह 3 बजकर 17 मिनट से शुरू हो गया है. आपको यह भी बता दें कि सूर्य ग्रहण के समापन के साथ ही सूतक काल का समापन होगा.