मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में मसालों के लिए बनेगी पृथक मंडी, संतरे और केले को सरकार दिलाएगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

भोपाल

 मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग (Department of Horticulture and Food Processing) की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों से किसान और उद्योगपति दोनों लाभान्वित होंगे. इनके माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में उद्यमिता और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सकता है. इसलिए खाद्य प्रसंस्करण और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के परस्पर समन्वय से रोजगार के अवसरों और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इस बारे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ उनके परिवारों को जोड़ने के लिए स्व-सहायता समूहों का भी गठन किया जाए। प्रदेश में संभाग स्तर पर हाईटेक नर्सरियां स्थापित कर आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग का बजट बढ़ाकर बाजार की मांग के अनुसार गतिविधियां संचालित की जाएं। इस दिशा में हार्टिकल्चर प्रमोशन एजेंसी स्थापित कर समय-सीमा व रोडमैप निर्धारित करते हुए कार्य किया जाए। बैठक में मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मप्र के संतरा, केला, पान, लहसुन की अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए हों प्रयास

मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश मसालों की पृथक मंडी विकसित की जाए। मसालों की खेती का अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाए। प्रदेश में बड़े पैमाने पर फल, सब्जी, मसालों आदि का उत्पादन होता है। अत: मध्य प्रदेश के संतरा, केला, पान, लहसुन आदि की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जारी पौधारोपण अभियान में फलदार पौधे लगाने को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए। प्रदेश में फल, सब्जियों, औषधीय पौधों आदि के आर्गेनिक प्रोडक्शन, उनके डिहाइड्रेशन प्लांट व गामा रेडिएशन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए।

मप्र के संतरा, केला, पान, लहसुन की अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए हों प्रयास

मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश मसालों की पृथक मंडी विकसित की जाए। मसालों की खेती का अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाए। प्रदेश में बड़े पैमाने पर फल, सब्जी, मसालों आदि का उत्पादन होता है। अत: मध्य प्रदेश के संतरा, केला, पान, लहसुन आदि की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जारी पौधारोपण अभियान में फलदार पौधे लगाने को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए। प्रदेश में फल, सब्जियों, औषधीय पौधों आदि के आर्गेनिक प्रोडक्शन, उनके डिहाइड्रेशन प्लांट व गामा रेडिएशन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए।

बेहतर कार्य करने वालों को शासकीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसान को उसकी मेहनत और निवेश का पूरा लाभ मिले व परिस्थितिवश किसी भी स्थिति में उन्हें नुकसान न उठाना पड़े। आधुनिकतम तकनीक और शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जाएं।

बेहतर कार्य करने वालों को शासकीय कार्यक्रमों में सम्मानित करें, जिससे अन्य किसान व उद्यमी प्रेरणा प्राप्त कर सकें। किसानों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत प्रदेश में विभाग द्वारा 18 लाख फलदार पौधे रोपे गए।

बेहतर कार्य करने वालों को शासकीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसान को उसकी मेहनत और निवेश का पूरा लाभ मिले व परिस्थितिवश किसी भी स्थिति में उन्हें नुकसान न उठाना पड़े। आधुनिकतम तकनीक और शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जाएं।

बेहतर कार्य करने वालों को शासकीय कार्यक्रमों में सम्मानित करें, जिससे अन्य किसान व उद्यमी प्रेरणा प्राप्त कर सकें। किसानों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत प्रदेश में विभाग द्वारा 18 लाख फलदार पौधे रोपे गए।

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