Uttar Pradesh

यूपी का एमएसएमई सेक्टर अब रोजगार का बड़ा जरिया

लखनऊ

इस बार रोजगार पर सबसे ज्यादा फोकस करने वाली मोदी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को नई ताकत देने की कोशिश की है। चाहे वह मुद्रा योजना का विस्तार हो, या एमएसएमई इकाईयों को आसान व सस्ता कर्ज दिलाने की राह खोलना हो। इस मुहिम का सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को होने जा रहा है। इसकी वजह है कि देश में सबसे ज्यादा 96 लाख मध्यम, सूक्ष्म व लघु इकाइयां यूपी में काम रही हैं। यह यूनिट अपने उद्योग विस्तार के लिए आसानी से कर्ज पा सकेंगी। स्वरोजगार करने के लिए करोड़ों युवाओं को अब आसानी से कर्ज लेने का रास्ता खुलेगा।

असल में यूपी सरकार ने वार्षिक ऋण योजना के तहत 2024-25 के लिए लक्ष्य पिछले साल के मुकाबले डेढ़ गुना बढ़ा दिया है। अब लक्ष्य 5.18 लाख करोड़ रुपये का है। इन नए ऐलानों से इस लक्ष्य को पाने में आसानी होगी।  

मुद्रा योजना के जरिए अब उद्यमी लगा सकेंगे बड़े प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार ने मुद्रा योजना में 10 लाख की सीमा को बढ़ा कर 20 लाख कर दिया है। अब जिन्होंने अपना पुराना लोन अदा कर दिया है वह इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यूपी में पिछले साल तक 6808721 लोगों ने 48194.89 करोड़ का कर्ज लेकर इस योजना का लाभ उठाया। अब यह उद्यमी बड़े प्रोजेक्ट लगा सकेंगे। मुद्रा योजना की खासियत है कि इसमें कर्ज बहुत आसानी से मिल जाता है।

जिन इकाइयों का टर्नओवर 500 करोड़ है को अनिवार्य रूप से ट्रेडर्स (TReDS) प्लेटफार्म पर पंजीकरण करना होता है। अब इसकी सीमा 250 करोड़ कर दी गई है। इससे इकाइयों को आसानी से कर्ज मिल सकेगा। इससे देश भर की 7000 से अधिक कंपनियां एक प्लेटफार्म पर पंजीकृत हो पाएंगी। अभी यूपी में इस प्लेटफार्म पर आनबोर्ड आने वाली कम ही कंपनियां हैं। टर्नओवर सीमा घट जाने से यूपी में अब यह संख्या बढ़ेगी। नेशनल एक्रीडियशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त 100 फूड टेस्टिंग लैब का निर्माण होगा। इसके माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण संबंधित इकाइयों को लाभ होगा। इसमें यूपी की भी बड़ी हिस्सेदारी होगी।

इनका कहना है
यूपी के एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार का कहना यूपी का एमएसएमई सेक्टर उद्योगों की संख्या व रोजगार के लिहाज से सबसे आगे है। निर्यात में भी इस सेक्टर की हिस्सेदारी देश में सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत है। बजट में आए सभी प्रावधानों का यूपी भी बेहतर तरीके से लाभ उठाने के लिए योजनाओं का प्रभावी अमल कराएगा। रोजगार के लिहाज से यूपी के इस सेक्टर को काफी फायदा होगा। एनर्जी आडिट के तहत औद्योगिक क्लस्टर को फायदा मिलेगा। इससे फिरोजाबाद के भट्टी आधारित कांच उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

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