छत्तीसगढ़

स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से किया गया ब्लैक स्टार्ट माॅकड्रिल

कोरबा,

प्रदेश में आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुर्नसंचालित करने हेतु हसदेव बांगो जल विद्युत गृह से स्टार्ट अप पाॅवर सप्लाई करने संबंधी एक माॅकड्रिल (पूर्वाभ्यास) छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में सफलतापूर्वक किया गया।

माॅकड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि आपात स्थिति में पॉवर प्लांट के ब्लैक आऊट होने पर कोरबा-पश्चिम के बिजली संयंत्रों को शुरू करने हेतु लगभग 43 मिनट में जल विद्युत संयंत्रों से बिजली पहुंचाई जा सके। गौरतलब है कि अचानक ब्लैक आऊट होने की स्थिति में पावर प्लांटों को फिर से स्टार्ट करना कठिन होता है, इसके लिए तुरंत बिजली की आवश्यकता पड़ती है, जिसकी तत्काल आपूर्ति जल विद्युत संयंत्रों से ही हो सकती है। 12 जुलाई को यह माॅक ड्रिल छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर ट्रांसमिशन एवं उत्पादन कम्पनी के प्रबंध निदेशक क्रमशः आर.के. शुक्ला तथा संजीव कुमार कटियार की उपस्थिति एवं कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।

इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के प्रावधानों के अनुसार साल में एक बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक सर्व के.एस. मनोठिया एवं एम.एस. कंवर, मुख्य अभियंता के. के. भगत, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमती शारदा सोनवानी, राकेश शर्मा, अधीक्षण अभियंता मनोज राय, संजय चौधरी, अभिषेक जैन, संजय वैद्य, एम. नायक, श्रीमती माया नायर, श्रीमती पुष्पा पिल्लई कार्यपालन अभियंता जी.पी. सिंह, धर्मजीत भट्ट, मनोज रावटे, सुश्री सुदेशना पाॅल, सुश्री नमिता विभा लकरा, अवनीश जोशी, सहायक अभियंता केतन मिश्रा, विन्ध्याचल गुप्ता, श्रीमती प्रीति गुप्ता, सुश्री जुवेना गोम्स, श्रीमती रेखा शर्मा, सुश्री संदीपा देवाॅगन, कनिष्ठ अभियंता शुभम घोरे आदि उपस्थित थे।

राज्य भार प्रेषण केन्द्र के नियंत्रण कक्ष में ड्युटी पर उपस्थित कार्यपालन अभियंता जी.आर. नवरंग, रंजीत कुजुर, सहायक अभियंता संदीप देवाॅगन एवं तकनीकी सहायक दिनेश विश्वकर्मा का मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसी तरह बांगो जल विद्युत संयंत्र के अधीक्षण अभियंता बी.आर. भगत, एस.के. रहमतकर एवं उनकी टीम, विद्युत गृह कोरबा पश्चिम में अधीक्षण अभियंता एस. करकरे एवं उनकी टीम, कोरबा-पूर्व में पारेषण संकाय से अधीक्षण अभियंता डी.एस. पटेल एवं उनकी टीम, वितरण संकाय से अधीक्षण अभियंता पी.एल. सिदार एवं उनकी टीम, संचार एवं टेलीमीटरी संकाय से कार्यपालन अभियंता श्रीमती अजय कंवर एवं उनकी टीम, उत्पादन कॅपनी से कार्यपालन अभियंता आनंद कुमार एवं सुरेश साहू की सक्रिय भूमिका इस मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में रही है।

माॅक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत गृह, छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा-पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब-सिस्टम बनाया गया। इसके पश्चात् इस आईलैण्ड सब-सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई। इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया। इसके पश्चात् इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की। इसके लिये बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक-3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 के.व्ही. लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 के.व्ही. उपकेन्द्रों तक क्रमशः पहुंचाया गया और पूर्व निर्धारित 33/11 के.व्ही. विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 24 मेगावाट लोड लिया गया। इसके पश्चात् आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को माॅनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा-पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में 43 मिनट का समय लगा। इसके पूर्व में ब्लैक स्टार्ट मॉकड्रिल 11 अगस्त 2023 को किया गया था।

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