महाराष्ट्र की पुणे ट्रेफिक पुलिस ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर की ऑडी को जब्त कर लिया
पुणे
महाराष्ट्र की पुणे ट्रेफिक पुलिस ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर की ऑडी को जब्त कर लिया है। पूजा पुणे में पोस्टिंग के दौरान इसी गाड़ी में लाल-नीली बत्ती अवैध तरीके से लगाकर घूमने के कारण चर्चा में आई थीं। गाड़ी की प्लेट वीआईपी नंबर की थी, प्रायवेट कार पर इस तरीके के नंबर लगाना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। इसके अलावा पूजा ने बिना किसी इजाजत के अपनी गाड़ी पर महाराष्ट्र शासन भी लिखवा कर रखा था।
ऑडी कार एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुणे आरटीओ ने गाड़ी मालिक को नोटिस जारी किया था। नोटिस में कंपनी को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए ऑडी को तुरंत आरटीओ के सामने पेश करने के लिए कहा गया था। पुलिस के अनुसार, खेड़कर परिवार के ड्राइवर ने शनिवार को पुणे के चतुरश्रंगी पुलिस स्टेशन के ट्रैफिक डिवीजन में आकर कार की चाबी सौंपी हैं। कार के ऊपर से लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टीकर हटा दिया गया है। फिलहाल पुलिस कार के डॉक्यूमेंट्स की जांच कर रही है। गाड़ी पर 21 ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में 26 हजार रुपए के जुर्माने का मामला सामने आया है।
34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर लगातार अपनी मांगों की वजह से सोशल मीडिया में बनी हुई हैं। महाराष्ट्र कैडर की आईएएस ऑफिसर खेड़कर पर स्पशेल सुविधाओं को मांगने के आरोप हैं। उन्होंने पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के पोस्ट पर अपनी ज्वाइनिंग से पहले एक स्पेशल ऑफिस और एक ऑफिशियल गाड़ी और स्टाफ की डिमांड की थी। यह सारी सुविधाएं ट्रेनी अधिकारियों को नहीं दी जाती है।
खेड़कर के ऊपर यूपीएससी में भी गलत डॉक्यूमेंट लगाने की बात सामने आ रही है। उन के ऊपर दिव्यांग और ओबीसी सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल के आरोप हैं। पूजा ने नॉन क्रीमीलेयर का सर्टिफिकेट बनवा रखा है, जबकि इनके परिवार की घोषित आय 60 करोड़ रुपए है।
पूजा के अपने साथी कर्मचारियों के साथ गुस्सैल व्यवहार और पुलिस केसों में हस्तक्षेप करने के मामलों में पुणे के कलेक्टर द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया था। केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल कमेटी का गठन कर दिया है। पूजा के यूपीएससी में चयन को लेकर उठ रहे सवालों पर भी यह कमेटी अपनी जांच करेगी। पीटीआई से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि यदि पूजा दोषी पाई जाती हैं तो उनका चयन निरस्त भी किया जा सकता है।